Kota News: नियमों को ताक पर रखकर बनाए गए गर्ल्स हॉस्टल में लगी आग, बाल-बाल बचीं 49 छात्राएं
Rajasthan: एक अधिकारी ने बताया कि हॉस्टल में आग से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे. इसके अलावा 2 मंजिल की अनुमति पर 6 मंजिला हॉस्टल बना रखा था. उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
Kota News: कमाई के चक्कर में कोटा (Kota) में नियमों को ताक पर रखकर अवैध हॉस्टलों का निर्माण किया जा रहा है और प्रशासन इस पर मौन साधे बैठा है. रविवार को ऐसे ही एक अवैध गर्ल्स हॉस्टल (Illegal Girls Hostel) में शॉट सर्किट की वजह से आग (Fire) लग गई. हालांकि गनीमत यह रही कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई.
मामला कोटा के जवाहर नगर क्षेत्र का है, वहां पेट्रोल पंप के पीछे स्थित खुश गर्ल्स हॉस्टर में रविवार को शॉट सर्किट की वजह से आग लग गई, आग लगने का पता लगते ही हॉस्टल की सभी 49 छात्राएं तुंरत बाहर आ गए, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था. जब हॉस्टल की जांच की गई तो पता चला कि हॉस्टल में न तो सुरक्षा के बंदोबस्त थे और सबसे बड़ी बात ये कि यह हॉस्टल अवैध रूप से बनाया गया था.
हॉस्टल में फैला धुआं ही धुआं
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि 6 मंजिला खुश गर्ल्स हॉस्टल के ग्राउंड फ्लोर पर रिसेप्शन के पास मैस बना हुआ है. इस मैस में लगे इलेक्ट्रिकल पैनल में अचानक शॉर्ट सर्किट हुआ और आग लग गई. आग लगने के समय हॉस्टल में छात्राएं मौजूद थीं. आग लगते ही वार्डन ने शोर शराबा किया और सभी लोग बाहर आ गए. आग तेजी से फैली और पूरे मैसे ऐरिया को चपेट में ले लिया और चारों तरफ धुआं ही धुआं हो गया.
यदि काई अंदर रह जाता तो उसका दम घुट जाता और उसकी मौत हो सकती थी. लोगों ने अग्निशमन विभाग को सूचना दी और तत्काल दमकल और पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. घटना के बाद मौके पर पहुंचे दमकल कर्मियों और पुलिस कर्मियों को मौके पर कई लापरवाही मिली. इस संबंध में अब जांच भी की जाएगी.
मैस में रखे थे सिलेंडर, हो सकता था बड़ा हादसा
इस 6 मंजिला हॉस्टल में आग से बचाव के कोई इंतजाम नहीं थे. आग लगने की घटना के समय अगर यहां आग बुझाने के उपकरण होते तो शायद आग पर समय रहते काबू पा लिया जाता, लेकिन उपकरण नहीं थे. मुख्य अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास ने बताया कि हॉस्टल में आग से बचाव के इंतजाम नहीं थे.
आग लगने पर आस पड़ोस के हॉस्टल वालों और लोगों ने अपने यहां से आग बुझाने के उपकरण लाकर आग बुझाने की कोशिश की. इसी दौरान दमकल भी पहुंच गई और हमने आग पर पूरी तरह काबू पा लिया लेकिन इससे धुआं काफी हो गया. हॉस्टल काफी संकरा है, ऐसे में सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था.
दो मंजिल की परमिशन पर बना दिया छह मंजिला हॉस्टल
जानकारी में सामने आया कि केवल दो मंजिला हॉस्टल निर्माण की अनुमति थी लेकिन नियमों को ताक पर रखकर 6 मंजिला हॉस्टल खड़ा कर दिया गया. हॉस्टल में इतनी भी जगह नहीं थी कि कुछ लोग साथ जा सकें. आने-जाने के लिए केवल एक ही सीढी है जिसकी चौड़ा भी इतनी ही है कि एक समय में दो लोग भी मुश्किल से आ सकते हैं. पूरा हॉस्टल पैक किया हुआ है कहीं कोई ठीक से वेंटिलेशन तक नहीं है, सैटबैक नही हैं, बालकनी नहीं है.
अगर यह आग मैस से निकलकर ग्राउंड फ्लोर पर फैल जाती या गेट तक भी आ जाती तो छात्राओं के लिए बाहर निकलना मुश्किल था. यही नहीं, रेस्क्यू टीम के लिए भी इन्हें बचाना मुश्किल हो जाता क्योंकि रेस्क्यू के लिए कहीं से भी कोई जगह ही नहीं बची थी. गनीमत रही कि लोगों की सजगता से आग पर समय पर काबू पा लिया. चीफ फायर ऑफिसर राकेश व्यास ने बताया कि स्टूडेंट की सुरक्षा प्राथमिकता थी. शुरूआती जांच में लापरवाही सामने आई है. बाद में इसका निरीक्षण कर नोटिस दिए जाएंगे और कार्रवाई होगी.
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