Kota Heatwave: कोटा में हीटवेव को लेकर प्रशासन अलर्ट, 12 से 3 बजे तक काम नहीं करेंगे मजदूर, कलेक्टर ने दिए ये निर्देश
Kota Heatwave News: कोटा में गर्मी का कहर जारी है. जिला प्रशासन ने इससे निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इस संबंध में कलेक्टर ने कई संगठनों के साथ बैठक कर उन्हें अहम दिशा-निर्देश दिए हैं.
Kota News: कोटा में भीषण गर्मी को देखते हुए जिला कलेक्टर ने कोचिंग संस्थान, व्यापारियों सहित अन्य संगठनों के साथ बैठक की. इस बैठक में उन्होंने कहा कि स्व प्रेरणा से अपने संस्थानों के आसपास और जहां भी संभव हो वहां शीतल जल, शर्बत, छाछ, लस्सी और छाया की व्यवस्था की जाए. इस बैठक के तुरंत बाद और जिला कलेक्टर की अपील पर कुछ ही देर में कोटा में जगह-जगह लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य शुरू भी हो गया है. इससे भीषण गर्मी में रोगों को काफी राहत मिली.
जिला कलेक्टर कोटा डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि अस्पताल का निरीक्षण किया गया, जिसमें पाया गया कि जगहों पर कूलर नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इसको लेकर तत्काल अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरपी मीणा को निर्देश दिए गए कि कूलर खरीदे जाएं. अगर ऐसा नहीं हो सकता तो किराए पर लिए जाएं. अस्पतालों में सुविधाओं को लेकर जिला कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि कोटा के हर अस्पताल में मरीज के परिजनों को नीचे नहीं आना पड़े, इसके लिए निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि जहां भी मरीज भर्ती हैं, उसी फ्लोर पर पानी की व्यवस्था की जाए.
'बसों के अंदर ही पिलाएंगे शर्बत, पानी और लस्सी'
जिला कलक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि कोटा में जन सहयोग से लोगों को गर्मी से बचाव के लिए राहत प्रदान करने का प्रयास किया गया है. कोटा में सभी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, व्यापार संगठनों के साथ बैठक के बाद निर्णय लिया गया कि वे अपने संस्थान पर अपने स्तर पर पानी, शीतल पेय और छाया कि व्यवस्था करें.
डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि बस से कोई आता है तो बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन के अंदर ही शीतल पेय की व्यवस्था की जाएगी. बस आकर रुकती है तो वहां भी पानी और पेय पदार्थ मिलेंगे. इसके अलावा पेट्रोल पंप और सार्वजनिक स्थान पर सेवाभावी लोगों ने व्यवस्थाएं करना शुरू कर दिया है.
'12 से 3 बजे तक वर्कर नहीं करेंगे काम'
जिला कलक्टर ने निर्देश देते हुए कहा कि दोपहर में 12 से 3 बजे तक वर्करों से काम नहीं कराया जाएगा. जहां भी धूप है वहां मानवीयता के नाते मजदूर से काम नहीं कराया जाएगा. मजदूर इकट्ठे होते हैं तो वहां पर छाया, पानी, शीतल जल की व्यवस्था की जाए. उन्होंने कहा कि पशु पक्षियों के लिए भी व्यवस्था की गई है. पशुओं पर भी पानी का छिड़काव किया जा रहा है. गौशाला में पानी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है. अन्नपूर्णा रसोई के माध्यम से भी खाने की व्यवस्था की जा रही है.
कोटा में लाइट नहीं आने को लेकर जिला कलेक्टर ने कहा कि ओवरलोड और ट्रिपिंग हो जाती है, बड़ा फाल्ट आता है तो समय लगता है, लेकिन लाइट 24 घंटे आए इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है.
'लू तापघात से नहीं हुई कोई मौत'
जिला कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि लू तापघात से अभी तक कोई मौत नहीं हुई है. कोटा बड़ी जगह है जहां अन्य जगह से भी डेड बॉडी आती हैं, लेकिन पोस्टमार्टम में एक भी मौत गर्मी से होना नहीं पाया गया है. उन्होंने कहा कि कई बार बीमारी और अन्य कारणों से मौत होती है, जिसका पोस्टमार्टम में बाद में पता चलता है. गर्मी से मौत हो जाए, यह कहना जल्दबाजी होगी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए. फिलहाल यहां हर रोज 6 से 8 डेड बॉडी आती हैं, लेकिन गर्मी से किसी की मौत नहीं हुई है.
लू तापघात से बचाव के लिए प्रशासन अलर्ट
कोटा सीएमएचओ डॉ. जगदीश कुमार सोनी ने बताया कि अलग से लू तापघात वार्ड बनाए गए हैं, इसके अलावा पर्याप्त बेड आरक्षित किए गए हैं. साथ ही कूलर, पंखे, एयरकंडीशनर, शीतल पेयजल के लिए वाटर कूलर, कैंपर और सुचारु बिजली आदि की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि उपचार संबंधी आवश्यक दवाएं, ओआरएस, आइस पैक, आइस क्यूब और उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता की गई है. विभाग के अधिकारियों के जरिये सघन मॉनिटरिंग की जा रही है. साथ ही अस्पतालों में की गई व्यवस्थाओं संबंधी फोटो भी मंगवाए गए हैं.
सीएमएचओ ने बताया कि सभी चिकित्सा अधिकारी, प्रभारियों को हीट वेव को लेकर अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं. आमजन को लू तापघात से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है. आशा सहयोगिनी के माध्यम से भी जागरूकता फैलाई जा रही है.
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