कोटा में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक नहीं लगेगी कोचिंग क्लासेज, कलेक्टर ने जारी किया आदेश
Kota heatwave: कोटा में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक कोचिंग क्लासेज नहीं चलाई जाएंगी. राज्य में भीषण गर्मी को देखते हुए कलेक्टर द्वारा यह आदेश जारी किया गया है.
Kota Weather: राजस्थान में भीषण गर्मी का दौर जारी है, जहां रविवार को लू के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इस बीच चिकित्सा विभाग ने भीषण गर्मी के प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं. मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार पिछले चौबीस घंटे में जोधपुर, बीकानेर व कोटा संभाग में अनेक जगह गर्मी और भयंकर गर्मी दर्ज की गई.
इस बीच कोटा में छात्रों की परेशानी को देखते हुए कलेक्टर ने आदेश जारी कर दिया है. जारी आदेश के मुताबिक कोटा में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक कोचिंग क्लासेज नहीं लगेगी. कलेक्टर के इस आदेश से छात्रों के साथ साथ अभिभावकों ने भी राहत की सांस ली है.
जनस्वास्थ्य निदेशक डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने एक बयान में बताया कि लू-तापघात के चलते रविवार को अजमेर के सराना गांव निवासी 40 वर्षीय मोती सिंह की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि दिहाड़ी मजदूर मोती सिंह की शनिवार को रूपनगढ़ गांव में ट्रैक्टर में पत्थर भरते समय अचानक तबीयत बिगड़ गई. उसे पहले सीएचसी रूपनगढ़ लाया गया और यहां से उसे जिला अस्पताल किशनगढ़ भेजा गया जहां पहुंचने से पहले ही सिंह की मौत हो गयी .
इस बीच ‘हीटवेव प्रबंधन’ के तहत अस्पतालों में उपलब्ध करवाई जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की नियमित निगरानी एवं तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जिलों में चिकित्सा संस्थान वार नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. ये नोडल अधिकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय करते हुए भीषण गर्मी के प्रकोप से बचाव, जांच, दवा एवं उपचार सहित तमाम प्रबंध सुनिश्चित करेंगे.
दूसरी ओर राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि प्रदेश में लू से बचाव के लिये चिकित्सा संस्थानों में बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किए गए हैं.
उन्होंने कहा कि विभाग का प्रयास है कि लू और तापघात से किसी व्यक्ति को तकलीफ नहीं हो और पीड़ित रोगियों का तत्काल बेहतर उपचार उपलब्ध हो.चिकित्सा मंत्री सोमवार को प्रदेश में लू एवं मौसमी बीमारियों के प्रबंधन को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे.उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चिकित्सा संस्थानों में रोगियों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो.