Kota Doctors Strike News: बीते पश्चिम बंगाल में एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ रेप और निर्मम हत्या कर दी गई थी. इस घटना का पूरे देश में विरोध हो रहा है. इसी क्रम में कोटा में सेवारत डॉक्टरों ने इस घटना के दोषियों को फांसी सजा की मांग को लेकर हाथ में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया.


इस निर्मम हत्याकांड के विरोध में कोटा मेडिकल कॉलेज से संबंधित सभी चिकित्सालयों के 600 से भी अधिक डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार किया है. जिससे यहां का स्वास्थ्य चरमरा गया है. इसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. 


14 अगस्त राज्य स्तर पर विरोध का आह्वान
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश महासचिव डॉक्टर दुर्गा शंकर सैनी ने आह्वान किया कि 14 अगस्त 2024 को राज्य भर में सेवारत डॉक्टर काली पट्टी, काले कपड़े या अन्य तरीकों से विरोध करें. इस दौरान राष्ट्रीय चिकित्सक सुरक्षा कानून बनाने की मांग को दोहराया जाएगा. 


डॉक्टर दुर्गा शंकर सैनी इस विरोध के जरिये देशभर में चिकित्सकों को सुरक्षा प्रदान कर स्वस्थ वातावरण बनाए जाने की मांग की जाएगी. डॉ सैनी ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से मरीज और डॉक्टर्स दोनों को परेशानी होती है. 


कोलकात की घटना का जिक्र करते हुए कोटा सेवारत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष डॉ अमित गोयल और जिला महासचिव डॉ राजेश सामर ने बताया की दरिंदों को फांसी नहीं हुई तो हमें कड़े फैसले लेने पड़ेंगे.


हड़ताल से चिकित्सा व्यवस्था चरमराई
कोटा जिले की समस्त सीएचसी पीएचसी, एमबीएस चिकित्सालय में सेवारत डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. कोटा शहर और ग्रामीण क्षेत्र में आक्रोशित सेवारत डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. इस विरोध प्रदर्शन से चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई, जिसके बाद सीनियरों ने मोर्चा संभाला.


एमबीएस न्यू मेडिकल कॉलेज, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध किया. रेजिडेंट डॉक्टर्स ऐसोसिएशन के सचिव डॉ कुलदीप सिंह ने कहा कि जब तक आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती विरोध निरंतर जारी रहेगा.


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