Kota News: आपने फिल्मों में, नाटकों में या कहानियों में सिक्सथ सेंस सुना होगा. देखा होगा कि किस तरह से बिना देखे, बिना पता किए हुए सिक्सथ सेंस से घटनाओं की जानकारी हो जाती है. पहले से सब पता चल जाता है. ऐसा ही कुछ कारनामा कोटा में बच्चे दिखा रहे हैं. बच्चे सिक्सथ सेंस से आंख पर पट्टी बांधकर बिना देखे पेंटिंग करते हैं, रंग भरते हैं, बिना देखे शब्दों को पहचानते हैं. यह जादूगरी केवल एक बच्चा नहीं दिखा रहा, बल्कि ऐसे दर्जनों बच्चे एकाग्रता से अनहोनी को होनी कर रहे हैं.
 
छोटे-छोटे बच्चों की बिना देखे ड्राइंग शीट पर आकृति में कलर भरना आश्चर्यचकित कर रहा है. हैरानी है कि कोई भी कलर आपस में मिक्स नहीं होता. आर्ट ऑफ लिविंग से ट्रेनिंग लेकर कोटा में बच्चों की अद्भुत प्रस्तुति देख हर कोई हैरान है. आयोजित कार्यक्रम में दर्जनों बच्चों ने आंखों पर रुई और कपड़े की पट्टी बांधकर चित्रकारी की. सटीक और सुंदर चित्रकारी करते हुए चित्र में रंग भरे. बच्चों की प्रतिभा को देख माता-पिता भी दंग रह गए. बच्चों की ट्रेनर मेघना सोति ने बताया कि पिछले 16 साल से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. आर्ट ऑफ लिविंग के गुरु श्री श्री रविशंकर की प्रेरणा से बच्चों में सिक्सथ सेंस जागृत करने का प्रशिक्षण दिया जाता है.



 
मेघना ने बताया कि कार्यक्रम से बच्चों में एकाग्रता बढ़ती है और पढ़ाई में भी काफी मदद मिलती है. बच्चों ने बताया कि उन्होंने आंख बंद करके पेंटिंग और ड्राइंग की है और ये सब एकाग्रचित्त होकर ध्यान लगाने से संभव हो पाया है. स्टूडेंट्स को इनट्यूशन प्रोसेस की जानकारी और ट्रेनिंग दी जा रही है. 5 से 18 साल तक के 52 बच्चों को दो दिन तक ट्रेनिंग दी गई. इसका लाइव डेमो भी बच्चों ने दिखाया. ध्यान योग के जरिए दो दिन में बच्चों की सिक्सथ सेंस एक्टिव करने का दावा किया जा रहा है.


आंख पर पट्टी बांधकर 40 दिन तक करनी होती है प्रेक्टिस


मेघना ने बताया कि प्रज्ञा योग के जरिए बच्चों के ब्रेन को तेज किया जाता है. आंख पर पट्टी बांधकर 40 दिनों तक बच्चों को प्रैक्टिस करनी होती है. इनट्यूशन प्रोसेस में बच्चों को 10 से 12 एक्टिविटी करवाई जाती है. क्लास में बच्चों को 20-20 मिनट तक ध्यान और योग करवाया गया. आवाज यानी ध्वनि पर ध्यान केंद्रित करवाने के बाद दूसरी एक्टिविटी भी कराई गई. इस प्रक्रिया से बच्चों का कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ता है.
 
बिना देखे कलर पहचान सकते हैं, पढ़ाई भी कर सकते हैं


कार्यक्रम के दौरान एक से बढकर एक एक्टिविटी ने चौंका दिया. ट्रेंड होने के बाद बच्चे बिना देखे कलर पहचान सकते हैं, बिना देखे किताब पढ़ सकते हैं, माइंड रीड कर सकते हैं, बिना देखे किसी किसी चित्र में कलर करना, दीवार के पीछे का पता लगाना, बिना हाथ लगाए किसी वस्तु को हिलाना जैसी एक्टिविटी करते हैं. कई बार तो जादू या हाथ की सफाई लगा, लेकिन प्रत्यक्ष देखकर लोग दंग रह गए. 


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