Rajasthan Train News: रेलवे ने यात्रियों को बेहतर सहूलियत देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इसी क्रम में यात्रियों की आसानी के लिए अत्याधुनिक डिजिटल तकनीक से कैशलेस ट्रांसजैक्शन की सुविधा को बढ़ाया जा रहा है.
महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय के मार्गदर्शन में पश्चिम मध्य रेलवे के जरिये डिजिटल तकनीक के माध्यम से कैशलेस ट्रांसजैक्शन को बढ़ावा दिया जा रहा है.
इसके तहत तीनों रेल मण्डलों, जिनमें जबलपुर, भोपाल और कोटा में पीआरएस काउंटर्स, यूटीएस काउंटर्स, पार्सल कार्यालयों पर पीओएस मशीन से कैशलेस ट्रांसजैक्शन किया जा रहा है.
कैशलेस ट्रांजेक्शन से बढ़ा रेल राजस्व
इसके अलावा अन्य तरह के डिजिटल तकनीक जैसे भीम, यूपीआई और मोबाइल टिकटिंग के माध्यम से भी कैशलेस ट्रांसजैक्शन का उपयोग किया जा रहा है.
पश्चिम मध्य रेल के जबलपुर, भोपाल और कोटा के पीआरएस, यूटीएस, यूटीएस कम पीआरएस और पार्सल कार्यालयों में 45 पीओएस मशीनों के माध्यम से डिजिटल कैशलेस ट्रांसजैक्शन किया जा रहा है.
जिसके परिणामस्वरूप पश्चिम मध्य रेल ने चालू वित्तीय वर्ष के अप्रैल माह में डिजिटल कैशलेस ट्रांसजैक्शन से 5 लाख 11 हजार 600 टिकटों की बुकिंग की गई है. इन बुकिंट टिकटों के माध्य से रेलवे ने 2 करोड़ 10 लाख 43 हजार 50 रुपये का रेलवे राजस्व अर्जित किया है.
पश्चिम मध्य रेलवे के तीनों मंडल में है ये सुविधा
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय ने बताया कि अप्रैल माह में पीओएस, भीम- यूपीआई और मोबाईल टिकटिंग के माध्यम से डिजिटल कैशलेस ट्रांसजैक्शन से काफी लाभ हो रहा है.
कैशलेस भुगतान से पश्चिम मध्य रेलवे के तीनों मण्डलों के जरिये आरक्षण कार्यालय (पीआरस) में 7869 टिकटों की बुकिंग हुई और इससे 50 लाख 96 हजार 490 रुपये का राजस्व हासिल हुआ.
भीम ऐप या यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) प्रणाली का उपयोग कर 12 हजार 347 टिकटों से 77 लाख 49 हजार 490 रुपये का राजस्व अर्जित किया गया.
इसी प्रकार मोबाइल टिकटिंग से अप्रैल माह में पश्चिम मध्य रेलवे को सबसे बेहतर परिणाम हासिल हुए हैं. जिससे 4 लाख 91 हजार 384 टिकटों से 81 लाख 97 हजार 100 रुपये का राजस्व हासिल हुए.
रेलवे में डिजिटल भुगतान पूरी तरह से सुरक्षित
डिजिटल ऑनलाइन भुगतान से नकदी ले जाने की आवश्यकता खत्म हो जाती है और इससे समय की भी बचत होती है. डिजिटल भुगतान मोड को एन्क्रिप्शन और डेटा प्रमाणीकरण के विभिन्न स्तरों के साथ सुरक्षित बनाया गया है.
पश्चिम मध्य रेलवे के तीनों मंडलों, जिनमें जबलपुर, भोपाल और कोटा रेल मंडल में डिजिटल ऑनलाइन मोड कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं.
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