Kota News: मासूम बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सरकारें कई तरह से प्रयास कर रही है, ताकी अधिक से अधिक गर्भवती महिलाएं स्वस्थ्य शिशु को जन्म दें. साथ ही सरकारों ये भी कोशिश कर रही है कि मां और शिशु की मृत्युदर को भी कम किया जा सके. जब शिशु जन्म लेता है, तो उसके सभी टीके समय पर लगे और एक  स्वस्थ्य रहे, इसके लिए भी टीकाकरण केन्द्र पर हर समय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. 


छोटे बच्चे अक्सर टीका लगने के बाद रोने लगते हैं, लेकिन कोटा (Kota) के मातृ और शिशु अस्पताल जेके लोन (JK Lone Hospital) का टीकाकरण केन्द्र इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) के अन्तर्गत कोटा के जेके लोन अस्पताल में मॉडल टीकाकरण केन्द्र स्थापित किया गया है, जिसमें टीकाकरण के लिए अलग से रूम बनाए गए हैं. केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, यहां अलग से कोल्ड चेन रूम और निगरानी कक्ष भी बनाया गया है. 


टीकाकरण भवन को आकर्षक चित्रों से सजाया गया
यहां पर बच्चें के लिए ऐसा वातावरण तैयार किया गया है, जिसमें आकर्षक पेंटिंग, खिलौने और उनके खेलने के लिए बहुत कुछ है. यहां पेंटिंग के माध्यम से सभी टीकों की जानकारी दी गई है. यही नहीं जब टीका लगता है और उसका दर्द बच्चे को होता है, तो उसे हाथी, घोड़े, भालू, बंदर दिखाए जाते हैं और कई खिलौने भी दिए जाते हैं. मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. संगीता सक्सेना ने बताया कि टीकाकरण को विशिष्ठ पहचान दिए जाने के लिए टीकाकरण के भवन को विशेष रूप से बच्चों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न आकर्षक चित्रों से सजाया गया है, जो बहुत ही मनमोहक है.


उन्होंने कहा कि यहां बच्चों के लिए अलग से निगरानी कक्ष बनाया गया है, जिसमें मनोरंजन के साधन है. साथ  ही यहां खिलौने, स्लाइडर में बच्चें आनन्द लेते रहते हैं. उन्होंने बताया कि टीकाकरण कक्ष के बाहर वेटिंग एरिया में चेयर्स लगाई गई हैं. इसमें भारत और राज्य सरकार की योजनाओं की प्रचार सामग्री प्रदर्शित की जानी है. जेके लोन अधीक्षक, डॉ आशुतोष शर्मा ने बताया कि आने वाले कुछ समय में इस मॉडल टीकाकरण केन्द्र में यू-विन जोकि भारत सरकार द्वारा नवनिर्मित टीकाकरण पोर्टल है, उसके माध्यम से बच्चों को लगने वाले टीकों की निगरानी भी प्रारंभ की जानी है.


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