Kota Lok Sabah Election 2024: राजस्थान की कोटा लोकसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो चुका है. कांग्रेस और बीजेपी ने इस सीट पर पूरी ताकत झोंक दी है. कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल के बीजेपी से कांग्रेस में आने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ गया है. उनका मुकाबला लोकसभा स्पीकर और बीजेपी के उम्मीदवार ओम बिरला से है.
कांग्रेस के उम्मीदवार प्रहलाद गुंजल ने रामगंजमंडी विधानसभा में जनसंपर्क किया. गुंजल ने कहा आपने ओम बिरला को दो बार वोट देकर सांसद बनाया. दूसरी बार जब आपने ओम बिरला को आशीर्वाद दिया तो आपका आशीर्वाद, इतना जोर से फला कि लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठ गए.
आपकी आवाज कौन उठाएगा?- प्रहलाद गुंजल
गुंजल ने कहा, ''ओम बिरला यहां लगने वाले जाम से लोगों को मुक्ति नहीं दिला पाए. यही नहीं ताखली बांध जो मैं मंजूर करा कर गया था, 31 दिसंबर 2010 तक नहर बननी थी, वो हमारे सांसद दस सालों में भी ताकतवर रहते हुए पूरा नहीं कर पाये. तो वो जनता से किस आधार पर तीसरी बार आशीर्वाद मांग रहे हैं.''
उन्होंने कहा, ''10 साल में कोटा बूंदी के लिए उनके पास एक उपलब्धि बताने को नहीं है. अब जब तीसरी बार में जनता ने उनसे 10 सालों के कामों का हिसाब मांगना शुरू किया तो बिरला जी घबराकर अमित शाह को लेकर आ गए. अमित शाह ने कहा कि आपका वोट सीधा मोदी को जाएगा.''
गुंजल ने कहा, ''यह केवल पीएम मोदी का चुनाव नहीं है, भारत की संसद जो देश की सबसे बड़ी पंचायत है उसमें कोटा बूंदी का पंच कौन बनेगा, कोटा बूंदी के हक अधिकार की बात आएगी, शुगर मिल के मामले में किसानों की आवाज को पार्लियामेंट में ताकत देने की बात आएगी, एमएसपी के मामले पर मजबूत कानूनों पर कई प्रकार की दृढ़ समस्याओं पर यदि भारत की संसद में आम अवाम की ताकत को मजबूती देने की बात आएगी तो आपका पंच देगा या मोदी देंगे. भारत की संसद में हमारी आवाज बुलंद चाहिये, हमारा पक्ष मजबूती से चाहिये, कोटा बूंदी की ताकत मजबूत चाहिये, बैठ जाईये-उठ जाईये नहीं.''
10 साल का हिसाब दें- प्रहलाद गुंजल
गुंजल ने ओम बिरला पर निशाना साधते हुए कहा कि 10 साल का हिसाब लाइए, आपके हिसाब का कागज कोरा है. आप इन कोरे कागजों को कोरा रहने दो, जनता अब आपको आशीर्वाद देने वाली नहीं है.
गुंजल ने कहा कि मुट्ठी बंधवाकर जय कारे लगवाने से, नारे लगवाने से नैतिकता नहीं जागती, मरी हुई आत्मा नहीं जागती, आपके पास नैतिकता है ईमानदारी है तो आप कोटा की सभा में प्रहलाद गुंजल के दो सवालों का जरूर जवाब देकर जाते.
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