Om Birla Inspected Farms: किसानों की फसलें खराब होने की चिंता अब सभी को सताने लगी है. एक किसान की मौत के बाद तो कोटा संभाग में परेशानियां जग जाहिर हो गई हैं. बीते दिनों हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान से टूट चुके किसानों को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ढांढस बंधाने पहुंचे.


स्पीकर बिरला ने बूंदी जिले की तालेड़ा पंचायत समिति के बरूंधन और अल्कोदिया गांव के कई खेतों में जाकर खराब फसलों का जायजा लिया. खेतों का मुआयना करने के बाद बिरला ने अधिकारियों से कहा कि फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. इस नाजुक समय में हमें संवेदनशीलता से किसानों का साथ देना है. क्षेत्र में तुरंत गिरदावरी करें ताकि किसानों को जल्द मुआवजे का पैसा मिल सके.


स्पीकर बिरला जब अल्कोदिया गांव पहुंचे तो वहां बुजुर्ग किसान गोपाल अपने 10 बीघा के खेत में आड़ी पड़ चुकी फसलों को देख दुखी हो रहा था. बिरला उसके पास पहुंचे तो गोपाल ने भावुक होकर कहा कि पूरी फसल खराब हो गई, अब आगे क्या होगा यह भगवान पर ही निर्भर है. बिरला ने आश्वस्त किया कि इस कठिन घड़ी में हम आपके साथ हैं. ऐसे कई किसान थे जिनकी कहानी बिल्कुल गोपाल जैसी थी. 




किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा देने की मांग


बिरला ने बताया कि बरसात और ओलावृष्टि से गेहूं, चना, साब्जियों सहित सभी प्रकार की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. किसानों को कम से कम इतना मुआवजा तो मिलना ही चाहिए कि उनकी मेहनत और खाद, बीज, कीटनाशक आदि का पैसा तो मिल ही जाए. इससे किसान कर्ज में नहीं डूबेगा. उन्होंने राज्य सरकार से किसानों को जल्द मुआवजा दिलाने के लिए कहा है. इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों से भी कहा कि तहसीलदार और पटवारी को लगाकर जल्द से जल्द गिरदावरी पूरी की जाए. इस दौरान यह ध्यान रखें कि नुकसान सही दर्ज किया जाए. कम नुकसान दिखाकर किसानों का और नुकसान नहीं करें. यदि ऐसा कोई करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
 
आपदा राहत कोष से 7 दिनों में मिले पैसा: बिरला 


स्पीकर बिरला ने फसलों को हुए नुकसान के बारे में जिला कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी को कहा कि जिन किसानों का फसल बीमा नहीं है, उन्हें आपदा राहत कोष से सात दिन के अंदर भुगतान किया जाए. इसके लिए सर्वे रिपोर्ट को जल्द से जल्द पोर्टल पर अपलोड कर मुआवजा सीधे किसानों के खाते में डाल दिया जाए. यदि इसमें कोई कठिनाई आती है तो हमें बताएं, इस बारे में राज्य सरकार से बात करेंगे.




 
फसल बीमा-आपदा राहत के नियमों में हो संशोधन
बिरला ने कहा कि फसल बीमा और आपदा राहत कोष के तहत मुआवजा देने के नियमों में अब भी काफी पेचीदगियां है. हम राज्य और केंद्र सरकार से कहेंगे कि पहले किसानों और फिर आपस में चर्चा कर नियमों में संशोधन किया जाए, ताकि किसानों को अधिकतम राहत मिल सके. किसानों ने बिरला को बताया कि फसलों के आड़ी पड़ने से पशुओं के लिए चारे का संकट भी उत्पन्न हो गया है. बाली से गेहूं निकलाने के बाद जो बचता था, वह पशु चारे के रूप में उपयोग में लेते थे. फसल खराब हो जाने के कारण अब वह भी नहीं मिल पाएगा.


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