Rajasthan: मुकुंदरा हिल्स से बाहर निकला बाघ, एमपी बॉर्डर के पास मिला सिग्नल, क्यों भागते हैं टाइगर?
Kota Mukundra Hills Tiger Reserve: मुकुंदरा हिल्स टागर रिजर्व के एक बाघ ने बीते साल वन विभाग की टीम को काफी परेशान किया था. यह बाघ अच्छा तैराक है और इससे पहले बाघ चंबल नदी को भी पार कर चुका है.
Kota News: राजस्थान के कोटा स्थित मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से एक बाघ एम-5 कोटा से विचरण करता हुआ मध्य प्रदेश की सीमा के समीप पहुंच गया है. उसकी लोकेशन फिलहाल भीलवाड़ा नीमच के करीब आ रही है. मुख्य वन संरक्षक फील्ड डायरेक्टर बीजो जॉय ने बताया कि बुधवार (7 फरवरी) की रात से ही बाघ की मूवमेंट भीलवाड़ा जिले के निकट मध्य प्रदेश की सीमा पर नजर आ रहा है. यह बाघ इसके आसपास ही विचरण कर रहा है, जिस पर नजर रखी जा रही है. भीलवाड़ा और नीमच मध्य प्रदेश की टीमें भी इसकी मॉनीटरिंग कर रही है.
उच्च अधिकारियों के साथ क्षेत्रीय वन अधिकारी भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. बीते साल नवंबर के महीने में इस बाघ ने वन विभाग की टीम को काफी परेशान किया था. 28 अक्टूबर को बाघ की लोकेशन मिलना बंद हो गई थी. 3 नवंबर को रेडियो कॉलर सिग्नल भी मिलना बंद हो गया थे. हालांकि 4 नवंबर को इसके पैरों के निशान देखे गए थे, लेकिन सिग्नल नहीं मिलने से विभाग सकते में आ गया था. करीब 10 दिन के इंतजार के बाद एक बार फिर बाघ के सिग्नल मिले और यह सकुशल मिल गया.
वन विभाग की बाघ के हर मूवमेंट पर नजर
बताया जा रहा है कि यह बाघ अच्छा तैराक है और लंबी दूरी तय करने में भी इसे महारत हासिल है. इससे पहले बाघ चंबल नदी को भी पार कर चुका है. वन विभाग की टीम पूरी एहतियात बरत रही है और उसके हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है. प्रयास किया जा रहा है कि उसे वापस मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में लाया जाए. विशेषज्ञों के अनुसार एक टाइगर के साथ कम से कम दो मादा टाइगर का होना जरूरी है. एक टाइगर जब प्रेगनेंट हो जाती है, तब दूसरी जोड़ीदार की तलाश में लग जाता है और उसके बाद वह अपने स्थान को छोड़कर दूसरी जगह तलाश करता है.
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