Kota Festival: सिहरती ठंड में भी देर रात चला रंगारंग कार्यक्रमों का सिलसिला, कबीर की रचनाओं की प्रस्तुति पर झूम उठे लोग
Kota Mahotsav: 3 दिन के लिए आयोजित किए गए कोटा महोत्सव की खूब धूम रही. लोक धुनों के साथ कबीर की रचनाओं का प्रस्तुति और रंगारंग कार्यक्रमों ने महोत्सव को हमेशा के लिए यादगार बना दिया है.
Kota Festival: कोटा महोत्सव की धूम चारों तरफ दिखाई दे रही है. जहां सतरंगी रंग में परिवेश नजर आ रहे हैं तो वहीं रंग बिरंगे फूलों की महक से वातावरण भी मनभावन हो गया है. यही नहीं एडवेंचर के साथ हैरतअंगेज कारनामे, गीत संगीत की धून, लोकगीतों के साथ आधुनिकता का बैंड भी अपने आप में लोगों के दिलों पर छा गया है. कोटा महोत्सव भले ही तीन दिन तक आयोजित किया गया लेकिन इसकी यादे सालों तक लोगों के मन मस्तिष्क पर छाई रहेंगी. देर रात तक गीत-संगीत का रंग जमा रहा और इस ठंडक में भी लोग जमे रहे.
मन लागो मेरो यार फकीरी में मन मस्त भया फिर क्या बोले रे.. मुनिया पिजड़े से उड़ गई... घट घट में पंक्षी बोलता है... होशियार रहना नगर में एक दिन चोर आएगा... मत कर माया को गुमान... दो दिन की जिंदगी है दो दिन का मेला... जैसे कबीर की काव्य रचनाओं से महाराव उम्मेदसिंह स्टेडियम गुंजायमान रहा.
लोक धुनों के साथ आधुनिक शैली में कबीर की रचनाओं का प्रस्तुति
कोटा महोत्सव के तहत मेगा कल्चर नाइट में देश के प्रसिद्ध कबीर कैफे बैंड के नीरज आर्य के नेतृत्व में कलाकारों ने कबीर के काव्य पर आधारित गीतों की एक से एक बढ़कर प्रस्तुति दी. समारोह में कबीर कैफे के कलाकारों ने लोक धुनों के साथ आधुनिक शैली में कबीर की रचनाओं की गीत में प्रस्तुति देकर कोटा के नागरिकों को नाचने पर मजबूर कर दिया. कलाकारों के आह्वान पर नागरिकों ने भागीदारी निभाकर हर गीत पर आवाज मिलाई और पूरा पांडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजायमान कर दिया. समारोह में कलाकारों ने कबीर के गीतों के साथ उनके संदेश को भी जनमानस तक पहुंचाने की सफल कोशिश की. जिला कलक्टर कोटा और एसपी भी देर रात तक जमे रहे.
कोटा महोत्सव के तहत आयोजित हेरिटेज वॉक में सुबह सैकड़ों कलाकारों की भव्य प्रस्तुति के साथ अधिकारी, शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे, जिन्होंने हैरिटेज भवनों को देखा और इतिहास को जाना. वहीं कलाकारों की प्रस्तुति देखने के लिए जन समूह उमड़ता दिखाई दिया.