Kota Abheda Biological Park: सैलानियों के लिए अच्छी खबर है. कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में नर भालू भी देखने को मिलेगा. एकाकी जीवन जी रही मादा भालू का साथी बनेगा. वन्यजीव विभाग ने जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से नर भालू को लाने की तैयारी कर ली है. अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में मादा भालू के साथ जुगलबंदी दिखाई देगी. कोटा से वन अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम कागजी कार्यवाही पूरी कर नर भालू को लेकर आएगी.
पर्यटकों को एक नहीं दो भालू देखने को मिलेंगे. कुछ दिनों तक नर भालू को क्वारंटाइन में रखा जाएगा. वन्यजीव विभाग के उपवन संरक्षक अनुराग भटनागर ने बताया कि लंबे समय से नर भालू को लाने जाने की जरूरत महसूस की जा रही थी. विभाग की तरफ से लगातार प्रयास जारी रहा. आखिरकार, सीजेडए से स्वीकृति मिल गई. ऐसे में टीम नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क जयपुर से भालू को लेकर आएगी.
चिंकारा की भी बायलॉजिकल पार्क में होगी एंट्री
अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में चिंकारा की भी एंट्री होगी. जोधपुर के माछिया बायोलॉजिकल पार्क से 4 चिंकारा को लाने की कोशिश हो रही है. विभाग की तरफ से प्रस्ताव बनाकर भिजवा दिए गये हैं. चिंकारा में 2 मादा और 2 नर शामिल हैं. फिलहाल अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में मादा चिंकारा की संख्या 4 है. चार और आने के बाद 8 चिंकारा हो जायेंगे.
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े पक्षी भी आएंगे नजर
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उड़ने में अक्षम पक्षी की झलक भी अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में देखने को मिलेगी. वन्यजीव विभाग पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जोधपुर से 5 ऐमु लाने की तैयारी कर रहा है. ऐमु में 2 नर और 3 मादा शामिल हैं. इससे पहले अगस्त 2019 में चार ऐमु जोधपुर के माछिया बायोलॉजिकल पार्क से कोटा चिड़िया घर शिफ्ट किये गए थे. चारों ऐमु की मौत के बाद वन्यजीव विभाग ने कोशिश शुरू कर दी थी. वन्यजीव विभाग के डीएफओ अनुराग भटनागर ने बताया कि अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से नर भालू लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रस्ताव को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से स्वीकृति मिल चुकी है. जरूरी कागजी कार्यवाही भी पूरी हो चुकी है. ऐसे में कोटा के बायोलॉजिकल पार्क की शोभा नर भालू बढाएगा.
अभेडा बायोलॉजिकल पार्क में विशेष इंतजाम
बायोलॉजिकल पार्क में कुल 78 वन्यजीव हैं. शाकाहारी और मांसाहारी वन्यजीवों को गर्मी से बचाव के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. लॉयन, टाइगर, शावक, भेड़िए, जरख, सियार, भालू सहित मांसाहारी जानवरों के लिए डक्टिंग चालू करवा दी गई है. वहीं, इनके एनक्लोजर में बने वाटर प्वाइंट भी सुबह-शाम भरे जा रहे हैं.
साथ ही दोनों वक्त पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है. इंफेक्शन से बचाने के लिये नाइट शेल्टरों और कराल एरिया में हल्दी का छिड़काव किया गया है. वन्यजीव विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शाकाहारी वन्यजीवों के एनक्लोजर और नाइट शेल्टरों में पराल बिछाई गई है. वहीं, कई जगहों पर धूप से निजात के लिए ग्रीन नेट लगाई गई. इनके डाइट में भी परिवर्तन कर दिया गया है. अब इनके आहार में कैटल फूड को जोड़ा गया है.