Godavari Dham Manas Mandir: भारतीय संस्कृति और धार्मिकता अपने आप में विविधता लिए हुए है. देश-दुनिया में कई ऐसे मंदिर और मठ हैं जहां इतिहास भरा पड़ा है. यही नहीं आने वाली पीढ़ी को इस इतिहास से अवगत कराने के लिए भी कई काम हो रहे हैं. कोटा के गोदावरी धाम में तुलसीदास के दोहे हों या उनका जीवन परिचय सब कुछ आपको उनके मंदिर में दिखाई देगा. माना जा रहा है कि राजस्थान में यह पहला मंदिर होगा जहां तुलसीदास जी को विराजमान किया जाएगा. साथ ही मंदिर में वेदव्यास भी होंगे. दोनों ही वेदों के ज्ञाता थे.


50 साल पहले आई थी प्रतिमा
गोदावरी धाम के संचालक गजेंद्र भार्गव ने बताया कि रामचरित मानस के रचियता गोस्वामी तुलसीदास के जीवन की विशेषताओं से लोगों को अवगत कराने और युवाओं को संदेश देने का प्रयास इस मंदिर के माध्यम से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस मंदिर की लागत करीब 20 लाख रुपए आई है.


'मानस मंदिर' के लिए करीब 50 साल पहले गोदावरीधाम के संरक्षक बाबा गोपीनाथ भार्गव ने तुलसीदास की 3 फीट ऊंची प्रतिमा बनवाई थी जो राम नवमी को स्थापित की गई और हनुमान जयंती पर इसका लोकार्पण किया गया. अब कोटा संभाग ही नहीं दूर दराज से लोग यहां आएंगे. यहां साढ़े तीन फीट की वेदव्यास की मार्बल की प्रतिमा भी लगाई जाएगी.
 
'60 मार्बल की पट्टिकाओं में उकेरा जाएगा सुंदरकांड'
 उन्होंने कहा कि मंदिर में सुंदरकांड पाठ की चौपाइयां और हनुमान चालिसा के दोहे भी उकेरे जाएंगे. इसके लिए मंदिर में मार्बल की 60 पट्टीकाएं लगाई गई हैं. इस मंदिर की ख्याती दिनों-दिन बढ़ती जा रही है जिस कारण मंगलवार और शनिवार को यहां भक्तों का तांता लगा रहता है. सुंदरकांड पढ़ने वाले और हनुमान चालीसा पढ़ने वालों की संख्या अधिक होने से स्थान छोटा पड़ने लग था जिस कारण यहां विशाल हॉल का निर्माण भी किया गया है.


2008 से मंदिर वाले स्थान पर अखंड रामायण पाठ जारी है, करीब 15 साल से यहां अनवरत रामायण चल रही है. मंदिर परिसर में तुलसी, हनुमान, राम लक्ष्मण, ब्रह्मा, हनुमान संजीवनी बूटी आदि के चित्र मार्बल की पट्टिकाओं पर उकेरे गए हैं.


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