Kota news: कोटा मेडिकल कॉलेज का न्यूरो सर्जरी विभाग राजस्थान में अपनी अलग ही जगह बनाए हुए हैं, एक से बढकर एक ऑपरेशन किए जा रहे हैं वह भी निशुल्क. जो आपरेशन राजस्थान के बाहर होते थे वह अब कोटा में हो रहे हैं. एक बार फिर कोटा मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी विभाग की टीम ने एक ऐसा उपचार किया जो बहुत कम देखने को मिलता है. एक मरीज के असहनीय दर्द की पीड़ा से उसे मुक्तिदी गई है. यह मरीज दर्द से इतना परेशान था कि उसने अपने आप को मौत के गले लगाने तक की सोच ली थी.
मरीज का खाना पीना, बोलना, सोना मुश्किल हो रहा था
आचार्य एवं विभागाध्यक्ष न्यूरोसर्जरी विभाग मेडिकल कॉलेज कोटा डॉ एस एन गौतम ने बताया कि त्रिनाड़ी शूल (ट्राईजेमीनल न्यूरालजिया) का कोटा मेडिकल कॉलेज में आर एफ टी ए द्वारा इलाज किया गया. मरीज राधेश्याम बामला ,बारां का निवासी है, लगभग 6 वर्ष से चेहरे के दायीं तरफ असहनीय दर्द से पीड़ित था. लगातार इलाज करवाने के बाद भी तकलीफ बढ़ती जा रही थी, जिसकी वजह से मरीज का खाना पीना, बोलना, सोना मुश्किल हो रहा था और चेहरे पर रुक रुक कर इलेक्ट्रिक करेंट जैसा असहनीय दर्द बना रहता था, जिसके कारण मरीज को मरने तक के ख्याल आने लग गए थे. ऐसा असहनीय दर्द की वह बर्दाश्त नहीं कर पाता था और कई बार अधिक मात्रा में दर्द की गोली लेता था तब भी उसे आराम नहीं मिलता था.
सुई के द्वारा नस को ब्लॉक करके बीमारी का निवारण किया गया
मरीज परामर्श के लिए आचार्य एवं विभागाध्यक्ष न्यूरोसर्जरी विभाग मेडिकल कॉलेज कोटा डॉ. एस एन गौतम को दिखाने आया तो मरीज को त्रिनाडी शूल (ट्राईजेमीनल न्यूरालजिया) नाम की बीमारी होने का पता चला जो की दिमाग की नस में खराबी आने से होती है. मरीज का सहमति के बाद सुई के द्वारा नस को ब्लॉक करके बीमारी का निवारण किया गया. अब मरीज बिल्कुल ठीक है और उसकी दवाइयां भी कम हो गई है जो धीरे धीरे बंद कर दी जाएगी.