Rajasthan News: जो जिस कार्य से जुडा रहता है उसी में रम जाता है, यदि बात सेवा और संदेश की हो तो शादी से अच्छा अवसर नहीं हो सकता. ऐसे में 4 नवंबर देव उठनी एकादशी को होने जा रहे विवाह में दुल्हा और दुल्हन ने अपने रिश्तेदारों से तोफे में नेत्रदान संकल्प पत्र भरने का निवेदन किया. वहीं कार्ड में रक्तदान का संदेश दिया है, जिसमें साफ तौर से कहा गया है कि जब भी जरूरतमंद को रक्त की आवश्यकता हो रक्तदान करें.
कल इनकी शादी होने जा रही है, कार्ड भी बंट गए हैं, लोगों ने संकल्प पत्र भी भर दिए हैं. अब शादी में आने वाले मेहमानों से भी अपील की जाएगी कि वह मरणोपरांत अपने परिवार के सदस्यों का नेत्रदान करवाएं, इसका संकल्प लें.
मांगरोल बारां निवासी मयंक राठौर काफी समय से संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के साथ मिलकर नेत्रदान अंगदान और देहदान के लिए कार्य कर रहे हैं. उन्होंने इस दौरान ना सिर्फ जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन किया बल्कि इनके माध्यम से कुछ देवलोक-गामियों का नेत्रदान भी किया.
शादी कार्ड में समाज के नाम अनोखा संदेश
मौका दीजिए अपने खून को किसी की रगों में बहने का, ये लाजवाब तरीका है, कई जिस्मों में जिंदा रहने का, इस धरती के, इस युग के मौलिक भगवानों तुम्हे प्रणाम जीवनदाता, रक्त प्रदाता रचने वालों तम्हें प्रणाम. ये संदेश तो दिया ही है, साथ ही दोनो वर-वधु ने अपना ब्लड ग्रुप भी इसमें लिखा है.
दोनों ही नव दम्पत्ति मयंक और मीना राठोर का ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव है. इसके साथ ही एक संदेश में लिखा गया है कि जीवन में रक्त अनमोल है. राष्ट्र और समाज की सेवा करने के लिए रक्तदान करें, लोगों को जागरुक करें. साथ ही लिखा है कि समाज में हो सके तो लोगों को रक्तदान करवाएं, जब नर ही नारायण है तो सेवा करें.
विवाह में लगेगा नेत्रदान संकल्प काउंटर
मयंक ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के निवासी होने के कारण यह अपने क्षेत्र के लोगों को नेत्रदान के कार्य में जोड़ने में ज्यादा सफल नहीं हो सके. इस नेक कार्य में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ सकें, इस उद्देश्य से उन्होंने 4 नवंबर को अपने विवाह समारोह में नेत्रदान जागरूकता शिविर का आयोजन किया. समारोह में एक जागरुकता काउंटर लगाया जाएगा जिसमें बेनर पोस्टर के साथ कुछ लोग नेत्रदान और रक्तदान का संदेश देंगे.
विवाह समारोह में नेत्रदान संकल्प शिविर के सफल आयोजन के लिए इन्होंने शादी तय होने के बाद से ही अपने ससुराल पक्ष में और बाकी सभी करीबी रिश्तेदारों को कह दिया था कि वह अपने विवाह समारोह में नेत्रदान संकल्प शिविर भी आयोजित करेंगे.
अब तक 40 रिश्तेदारों ने भरा संकल्प-पत्र
मयंक बताया कि इस प्रस्ताव पर सभी ने अपनी सहमति दे दी. मीना राठौर को भी जैसे ही नैत्रदान संकल्प शिविर का पता चला, तो उसने भी संस्था सदस्यों को घर भुला कर अपना नेत्रदान का संकल्प पत्र भी भर दिया. मीना राठौर ने अपनी माता राधा, पिता रमेश चंद्र को अपने इस निर्णय के बारे में बता दिया है. माता-पिता बच्चों के इस निर्णय से काफी खुश है.
उन्होंने भी आश्वासन दिया कि विवाह समारोह के बाद इस विषय पर पूरी जानकारी लेकर दोनों पति-पत्नी भी नेत्रदान का संकल्प पत्र भरेंगे. इसके साथ ही मयंक के माता पिता, भाई, बहन, चाचा, दादा सहित अन्य रिश्तेदारों ने भी संकल्प पत्र भरे हैं. अब तक कुल 40 लोगों ने नेत्रदान संकल्प पत्र भरे हैं, वहीं रक्तदान करने का भी संकल्प लिया.
मयंक-मीना नव दंपत्ति 4 नवंबर को पाषाण भवन, अनंन्तपुरा, कोटा में विवाह समारोह में, सभी के बीच, शाइन इंडिया फाउंडेशन के माध्यम से नेत्रदान संकल्प पत्र का प्रशस्ति पत्र प्राप्त करेंगे.
सोशल मीडिया के माध्ये से भी कर रहे अपील
नव दंपतियों ने अपने रिश्तेदारों में और जहां भी निमंत्रण पत्र दिए हैं उनके साथ में एक नेत्रदान का संकल्प पत्र भेजा है. इसके साथ ही सभी को व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर एक नेत्रदान संकल्प के लिए अपील करता हुआ मैसेज भेजा. भरा हुआ नेत्रदान संकल्प पत्र ही, उनके लिए उपहार से कम नहीं है.
मयंक को इस कार्य की प्रेरणा शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र टिंकू ओझा के माध्यम से मिली. 4 वर्ष पहले टिंकू ने प्रदेश में पहली बार अपनी शादी में ऐसा प्रयास किया था. जिसमें शादी के विवाह मंडप, स्टेज और भोजन की टेबलों को नेत्रदान, अंगदान और देहदान की थीम पर तैयार किया गया था.