Kota NEET Coaching Missing Student Case : कोटा शहर में लाखों स्टूडेंट कोचिंग कर रहे हैं. ऐसे में कुछ स्टूडेंट भटक भी जाते हैं या कई परिस्थितियों से यहां से अपने घर या कहीं और चले जाते हैं जो पुलिस के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर देते हैं. परिजन लगातार परेशान होते हैं और अपने बच्चे की कुशक्षेम पूछते रहते हैं. पुलिस भी काफी प्रयास करती है और कई बच्चों को दस्तयाब भी कर लेती है.


अब तक कोटा से किसी ना किसी कारण से लापता हुए सभी बच्चों को दस्तयाब किया गया है. ऐसा ही एक मामला और आया जिसमें पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए एक नाबालिग कोचिंग छात्रा को सकुशल अपने स्थान तक पहुंचा दिया गया है.


कोचिंग करने गई थी और रेलवे स्टेशन पहुंच गई
शहर पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि थानाधिकारी थाना महावीर नगर एवं मानव तस्करी विरोधी यूनिट टीम की संयुक्त टीम द्वारा कोंचिग स्टूडेंन्ट की तलाश के लिए त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे दस्तयाब कर लिया है. उन्होंने कहा कि 10 जून 2024 को सुबह 7.00 बजे हॉस्टल से छात्रा कोंचिग गई थी.


डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि 11 जून 2024 को महावीरनगर निवासी फरियादी द्वारा रिपोर्ट दी थी कि हमेशा की भांति 15 वर्षीय नाबालिग बालिका कोंचिग मे नीट की कोंचिग के लिए गई थी जो कोंचिग समय पूरा होने के बाद वापस हॉस्टल नहीं आई. इस पर थाना महावीर नगर पर धारा 363 भादसं में प्रकरण दर्ज कर उक्त नाबालिग की तलाश शुरू की थी.


कोटा से चेन्नई पहुंच गई थी बालिका
प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए लिए नाबालिग की तलाश के लिए नियती शर्मा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महिला अपराध एवं अनुसंधान सैल कोटा शहर के निर्देशन में विशेष टीमों को लगाया गया. विशेष टीम द्वारा फरियादी एवं बालिका के परिजनो से आवश्यक जानकारी प्राप्त की गई. तकनिकी पुलिसिंग एवं मुखबिरों से सूचनाओं का समावेश करते हुए बालिका की तलाश की गई तो पता चला कि नाबालिग बालिका 10 जून को सुबह हॉस्टल से निकल कर कोचिंग इंस्टीट्यूट जाने की बजाय कोटा जक्शन पहुंच गई.


इसके बाद कोटा जक्शन से सम्पर्क क्रांति से सूरत जाने तक की सूचना मिलने पर विशेष टीम को परिजनो के साथ रवाना किया गया. विशेष टीम द्वारा सूरत गुजरात में नाबालिग को तलाश किया गया उसके मुंबई पहुंचने की जानकारी मिली. टीम जब मुंबई तो पता चला कि नाबालिग ट्रेन से चेन्नई चली गई है.


आखिर नाबालिग बालिका यहां से क्यों गई?  
विशेष टीम चेन्नई स्थित परियामेठ कस्बे से उक्त बालिका का रेस्क्यू कर उसे वापस कोटा लाई. नाबालिग की  लगातार काउसंलिग की गई. जिसके बाद उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करते हुए बालिका गृह में दाखिल करवाया गया है. 15 वर्षीय नाबालिग बालिका को अपनी सूझबूझ से तकनिकी पुलिसिंग एवं मुखबिरों से मिली सूचना के आधार पर चेन्नई से खोज लिया गया. पुलिस ने परिजनों की खोई हुई मुस्कान लौटाने का सराहनीय कार्य किया. बालिका यहां से क्यों गई इस संदर्भ में काउंसलिंग की जा रही है.


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