Rajasthan News: मुकुंदरा टाइगर रिजर्व का राजा बाघ एमटी-5 मुकुंदरा के सेल्जर घाटी से निकलकर चम्बल नदी को पार कर मुकुंदरा के ही जवाहर सागर रेंज के क्षेत्र में पहुंच गया है. बाघ लगातार बूंदी की ओर बढ़ रहा है. मुकुंदरा को आबाद करने के लिए वन विभाग के प्रयास अभी कामयाब होते नजर नहीं आ रहे हैं, क्योंकि मुकुंदरा की रानी बाघिन एमटी-4 की जोड़ी बनाने के लिए रणथम्भौर से लाए गए बाघ एमटी-5 एनक्लोजर से बाहर निकलने के बाद एक बार भी बाघिन के साथ नजर नहीं आया है. बाघिन एमटी-4 एनक्लोजर से निकलने के बाद उसको कोलीपुरा का क्षेत्र ही रास आ रहा है. वहीं बाघ एमटी-4 से एनक्लोजर से निकला है, तब से इस क्षेत्र में नहीं गया है. ताजा लोकेशन बाघ एमटी-4 की चंबल नदी के उस पार आ रही है. एमटी-5 ने चम्बल नदी पार कर बूंदी की तरफ बढ़ गया.
दूसरी बाघिन लाने के लिए एनटीसीए स्वीकृति मांगी
राष्ट्रीय मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में दूसरी बाघिन लाने के लिए एनटीसीए स्वीकृति मांगी गई है. इस पर एनटीसीए ने मुकुंदरा पेर-बेस बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे. एनटीसीए ने 500 चीतल लाने के निर्देश दिए गए थे. इस पर मुकुंदरा वन विभाग की ओर से 161 चीतल लाए जा चुके हैं. अब 339 ओर लाने है. ये चीतल केवलादेवी नेशनल पार्क से लाए जाएंगे. इसके लिए मुकुंदरा प्रशासन की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है. चीतल लाने के लिए उपवन संरक्षक अनुराग भटनागर को लगाया गया है. इसके लिए वो 7 दिन तक कैंप कर अपनी टीम के साथ व्यवस्थाएं कर हरा चारा तैयार रहे है. अब जल्द ही चीतल लाए जाएंगे. वहीं रामगढ़ में भी यही टीम चीतल लेकर आएंगे.
रामगढ़ विषधारी में बाघ-बाघिन कई बार एक साथ दिखे
हाड़ौती के दूसरे टाइगर रिजर्व रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघ आरबीटी- 1 और बाघिन आरबीटी- 2 एक साथ विचरण कर रहे हैं. दोनों मेज नदी के आसपास के क्षेत्र में रह रहे हैं. बाघ आरबीटी- 1 रोज काफी बड़े क्षेत्र को कवरेज करता है, इसके साथ ही बाघिन आरबीटी 2 भी आरबीटी-1 के 90 प्रतिशत क्षेत्र को कवर कर रही है. वन्यजीव विभाग की ओर से दोनों बाघ-बाघिन की मॉनिटरिंग की जा रही है. बाघ आरबीटी- 1 की मॉनिटरिंग वन विभाग के द्वारा कैमरा ट्रैप और फुट मार्क से की जा रही है. वहीं बाघिन आरबीटी- 2 की मॉनिटरिंग रेडियो कॉलर, कैमरा ट्रेप और फुटमार्क तीनों से की जा रही है. मुख्य वन्यजीव संरक्षक औऱ रामगढ़-विषधारी टाइगर रिजर्व फील्ड डायरेक्टर शारदा प्रताप सिंह ने बताया कि दोनों बाघ-बाघिन कई बार एक साथ देखे गए हैं. ऐसे में दोनों के बीच मेटिंग की संभावना है.
टाइगर की 24 घंटे मोनिटरिंग के निर्देश
बाघ के चम्बल पार करने की सूचना मिलते ही सीसीएफ शारदा प्रताप सिंह ने वन अधिकारियों और कर्मचारियों से चर्चा कर बाघ एमटी-5 की प्रभावी और निरंतर 24 घंटे मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं. आगे बढ़ा तो खनन क्षेत्र आ जाएगा. मुकुंदरा का क्षेत्र अब जवाहर सागर क्षेत्र तक है. ऐसे में बाघ एमटी-5 यह जंगल पार करता है तो आगे जाकर खनन क्षेत्र आ जाएगा. ऐसे में बाघ की सुरक्षा भी खतरे में पढ़ सकती है. जो वन अधिकारियों में चिंता का विषय है. ऐसे में वन विभाग के अधिकारी पूरी तरह से सतर्कता बरतते हुए रेडियो कॉलर और फिजिकल रूप से उसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. बाघ एमटी-5 चम्बल नदी पार कर गया है, लेकिन मुकुंदरा के जंगलों में ही उसका मूवमेंट है. वन विभाग द्वारा 24 घंटे उसकी मॉनिटरिंग की जा रही है.
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