Kota News: राजस्थान के कोटा मुकुंदरा टाइगर रिजर्व (Kota Mukundra Tiger Reserve) में अकेले घूम रहे बाघ एमटी-5 को बुधवार (9 अगस्त) रात को साथी मिल गई. रणथम्भौर से बाघिन को कोटा में शिफ्ट किया गया है. बाघिन टी-2301 को वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा सवाईमाधोपुर के रणथम्भौर टाईगर रिजर्व ट्रैंकुलाइज कर राष्ट्रीय मुकुंदरा टाइगर में शिफ्ट किया गया है. बुधवार देर रात एक्सपर्ट की टीम कोटा पहुंची, उसके बाद मुकंदरा में बाघिन को शिफ्ट कर दिया गया.


मुकुंदरा के फील्ड डायरेक्टर व उपवन संरक्षक बीजो जॉय ने बताया कि एनटीसीए से स्वीकृति मिलने के बाद, राज्य सरकार के निर्देश पर रणथम्भौर के जोन-10 के जोजेसर एरिया में निवास करने वाली बाघिन टी-2301 को ट्रैंकुलाइज किया गया. उसको चिकित्सकीय परीक्षण के बाद पिंजरे में शिफ्ट किया गया. उन्होंन बताया कि जब बाघिन को होश आ गया तब उसको मुकुंदरा के लिए लेकर रवाना हुए. देर शाम को बाघिन टी-2301 को सेल्जर घाटी में लेकर पहुंचे. यहां पर स्थित एनक्लोजर में सोफ्ट रिलीज किया गया है. इसकी 24 घंटे मॉनिटरिंग के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है.


बाघिन की कौन करेगा मॉनिटरिंग?


बाघिन को कोटा मुकुंदरा शिफ्ट करने पर कोटा में पर्यावरण और वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई. बाघिन की डेली मॉनिटरिंग के लिए मुकुंदरा के पशु चिकित्सक तेजेन्द्र रियाड, सहायक वन संरक्षक को जिम्मेदारी दी गई. सवाईमाधोपुर में ट्रैंकुलाइज के दौरान डब्ल्यूआईआई के डॉ. पराग निगम, रणथम्भौर के फील्ड डायरेक्टर कैथीरवेल पूरी टीम के साथ मौजूद रहे, साथ ही रामगढ़ विषधारी टाईगर रिजर्व के उपवन संरक्षक संजीव शर्मा, डब्ल्यू डब्ल्यू एफ के अभिषेक भटनागर, राजशेखर सहित मुकुंदरा की टीम मौजूद रही. बूंदी और कोटा में बाघिन के छोड़े जाने के बाद एक बार फिर से टाइगर बसाए जाने के सपनों को नई उड़ा मिलेगी.


बेहद शर्मिली है टी 2023


बाघिन टी 2301 की उम्र करीब ढाई से तीन साल है. यह बाघिन टी-114 और 108 की बेटी है. बाघिन टी-114 के पहली बार शावकों को जन्म दिया था, उसके बच्चों में से बाघिन टी-2301 भी एक है. बाघिन टी-114 की दूसरी बार तीन शावकों को जन्म देने के बाद मौत हो गई थी. इस दौराज एक शावक की भी मौत हो गई थी, जबकि दो शावक कोटा के बायोलॉजिकल पार्क में ही रह रहे हैं. 


दोनों के बीच मेंटिंग होने की संभावाना


बाघिन टी-2301 वर्तमान में बाघ टी-108 के साथ ही जोड़ी बनाकर रह रही थी. स्थानीय वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि दोनों काफी समय से साथ रह रहे हैं, ऐसे में दोनों के बीच में मेटिंग होने की संभावना है. बताया जा रहा है कि यह बेहद ही शर्मीली है. वर्ष 2023 में यह पहली बाघिन है, जिसे 2023 वर्ष के अनुसार नाम दिया गया है. 


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