Kota News Today: कोटा में इस साल कोचिंग स्टूडेंट्स की संख्या कम है. दूसरी तरफ हॉस्टल संचालकों को निगम ने लाखों रुपये बकाए यूडी टैक्स की वसूली के लिए नोटिस दिया है. इससे हॉस्टल संचालकों में अफरा तफरी का माहौल है. 


कोचिंग संचालकों ने परेशान होकर स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा से मुलाकात की और हॉस्टल को आवासीय श्रेणी में शामिल करने की मांग की है. उनकी इस मांग पर मंत्री खर्रा ने आश्वस्त किया कि इस संबंध में गंभीरता से विचार किया जाएगा.


संचालक कर रहे यूडी टैक्स का विरोध
कोटा में संचालित हो रहे हॉस्टल को इंस्टीट्यूशन मानते हुए नगर निगम उनसे अरबन डवलपमेंट (यूडी) टैक्स की वसूली कर रहा है. इसको लेकर उन्हें लाखों रुपए बकाया का नोटिस दिया गया है. कोटा हॉस्टल एसोसिएशन इसका विरोध कर रहा है. 


हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल जयपुर पहुंचा. जहां कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा के साथ यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा से मिले. 


प्रतिनिधि मंडल ने हॉस्टल को आवासीय की जगह इंस्टीट्यूशन मानते हुए यूडी टैक्स वसूली का विरोध मंत्री खर्रा से किया और मांग पत्र भी सौंपा. इस दौरान हुई करीब 10 मिनट की बातचीत में पूरी जानकारी दी. 


'टैक्स न देने पर सीज कुर्की की कार्रवाई'
नवीन मित्तल ने कहा कि कोटा में यूनिट टैक्स कलेक्शन कर रही कंपनी में मैसर्स स्पैरो सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड सभी हॉस्टल्स को इंस्टीट्यूशन की श्रेणी में मानते हुए लाखों रुपये बकाया का नोटिस जारी कर रही है. 


टैक्स जमा नहीं करने पर हॉस्टल को सीज कर कुर्की का आदेश भी  दिया जा रहा है. जबकि हॉस्टल आवासीय की श्रेणी में आते हैं. इससे हॉस्टल संचालक परेशान हैं.


'संचालकों के लिए हॉस्टल घाटे का सौदा'
मित्तल ने बताया कि पिछली बीजेपी सरकार ने 2017-18 में हॉस्टल को आवासीय श्रेणी मानते हुए 2700 वर्ग फीट और इससे अधिक के प्लॉट पर ही यूडी टैक्स लगाया था. जबकि प्राइवेट फर्म 2700 वर्ग फीट से भी कम निर्माण पर लाखों रुपये यूनिट टैक्स की वसूली के नोटिस दे रही है. 


जबकि हॉस्टल में बिजली के बिल से लेकर सभी आवासीय श्रेणी में आते हैं. यहां तक की बच्चों के किराये पर जीएसटी भी नहीं लगता है. वर्तमान में कोटा में बच्चे भी कम हैं. इसकी वजह से हॉस्टल संचालकों के लिए यह पहले ही घाटे का रहा है. इन सबको आधार बनाकर उन्होंने यूडी टैक्स में छूट देने की मांग की.


नवीन मित्तल ने बताया कि यूडीएच मंत्री खर्रा ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में नगर निगम को नोटिस देकर जवाब मांगा था, उनका जवाब भी आ गया है. उन्होंने कहा कि जल्द ही इसे आवासीय की श्रेणी में लाकर यूडी टैक्स वसूलने के निर्देश दिए जाएंगे. 


'15 मी ऊंची बिल्डिंगों पर कम हो फायर सेस'
नवीन मित्तल ने कहा कि कोटा शहर में करीब 3500 हॉस्टल संचालित होते हैं. उन्होंने बताया कि यहां ज्यादातर हॉस्टल संचालक फायर सेस और नगर निगम सेस जमा कराकर एनओसी ले चुके हैं. 


नवीन मित्तल ने कहा, "हाल ही में सरकार ने बजट में 15 मीटर से कम ऊंचाई की बिल्डिंगों पर 50 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर से कम करके 15 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर कर दिया है." उन्होंने कहा, "यह स्वागत योग्य है, लेकिन 15 मीटर से ऊंची बनी हुई बिल्डिंग पर फायर सेस में कोई राहत नहीं मिली, यह आज भी 100 रुपए प्रति स्क्वायर मीटर है."


यूडीएच मंत्री ने दिया ये आश्वासन
उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार ने फायर एनओसी पर रिन्यूअल की फीस 10 हजार प्रतिवर्ष कर दिया था. नवीन मित्तल ने बताया कि यह भी काफी ज्यादा है. इसलिए उन्होंने सरकार से इसमें छूट देने की मांग की.  


हॉस्टल एसोसिएशन अध्यक्ष नवीन मित्तल ने उम्मीद जताई कि ऐसा होने से अधिक से अधिक लोग फायर एनओसी प्राप्त करेंगे. हॉस्टल एसोशिएशन के इन सभी मांगों पर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने विचार कर लाभांवित करने का आश्वासन दिया है. 


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