Rajasthan News: कोटा में दिखेंगे दुनियाभर के वैज्ञानिक चमत्कार, ब्रह्मांड की खगोलीय घटनाएं भी आएंगी एक ही जगह पर नजर
Rajasthan News: कोटा में राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र एवं डिजिटल प्लेनेटोरियम की स्थापना होगी. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इसका शिलान्यास करेंगे. ये भारत का सबसे आधुनिक टेक्नोलॉजी वाला प्लेनेटोरियम होगा.
Kota News: ब्रह्मांड की खगोलीय घटनाएं देखने का अवसर अब लोगों को मिलने जा रहा है. कोटा (Kota) में दुनियाभर के वैज्ञानिक चमत्कार और विज्ञान का रहस्य एक ही जगह नजर आएंगे. कोटा में मंगलवार को राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र और डिजिटल प्लेनेटोरियम की स्थापना होगी. इसका शिलान्यास होने जा रहा है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मंगलवार को साइंस सेंटर और डिजिटल प्लेनेटोरियम का शिलान्यास करेंगे. सिटी पार्क परिसर स्थित एम्फीथियेटर में राजस्थान सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री संजय शर्मा भी इस दौरान रहेंगे.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से गत वर्ष 35 करोड़ रुपये की लागत से साइंस सेंटर और डिजिटल प्लेनेटोरियम स्वीकृत हुआ था. कोटा में बन रहा डिजिटल प्लेनेटोरियाम भारत का सबसे आधुनिक टेक्नोलॉजी वाला प्लेनेटोरियम होगा. साइंस सेंटर बनने का लाभ स्कूली और कोचिंग विद्यार्थियों के साथ तकनीकी विद्यार्थियों और शोधार्थियों को भी मिलेगा. ब्रह्मांड की खगोलीय घटनाएं और विज्ञान के रहस्य को यहां समझा जा सकता है.
आउटडोर और इंडोर मॉडल्स की स्थापना होगी
कई खगोलीय घटनाएं ऐसी होती हैं जो ना केवल वैज्ञानिक बल्की आमजन के लिए भी बड़ी ही रोचक होती हैं. इन विषयों को यहां समझने का मौका मिलेगा. विद्यार्थी और आमजन दैनिक जीवन में विज्ञान की भूमिका, खगोलीय घटनाओं के रहस्य को आकर्षक मॉडल्स और एक्सपेरिमेंट्स के जरिए समझेंगे और अपनी जिज्ञासाओं को शांत कर सकेंगे. केंद्र में विज्ञान के कठिन सिद्धांतों को सरलता से समझाने के लिए फन साइंस और थीमेटिक गैलरीज का निर्माण होगा. आउटडोर और इंडोर मॉडल्स की स्थापना होगी. इसमें भारत के वैज्ञानिकों के बारे में जानकारी उपलब्ध रहेगी.
यहां 80 से 85 दर्शक क्षमता वाला अत्याधुनिक डिजिटल प्लेनेटोरियम बनेगा. इसमें विभिन्न खगोलीय ग्रहों की जानकारी दी जाएगी. विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रोचकता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी. एक ऑडिटोरियम भी बनेगा, जिसमें 3डी शो होंगे. केंद्र की स्थापना का कार्य संस्कृति मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद के तकनीकी सहयोग द्वारा किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें-Ajmer News: रेलवे अधिकारी हुए हनीट्रैप का शिकार, फेसबुक से दोस्त बनी महिला ने मांगे 50 लाख