Kota News: सामाजिक सरोकार या मानव सेवा की बात करे, पर्यावरण संरक्षण, वन्य जीवन, चिकित्सा, शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में स्वयंसेवी संस्थाएं अपना काम कर रही हैं. लेकिन कोटा में एक ऐसी संस्था है जो लंबे समय से मोक्ष प्राप्त करने वाले लावारिस लोगों का अंतिम संस्कार करती रही है. उनकी अस्थियों का विसर्जन विधि विधान से होगा. कर्मयोगी सेवा संस्थान  लावारिशों का विधि विधान से तर्पण करता आ रहा है. ऐसे में इस बार 24वीं अस्थि कलश यात्रा 119 दिवंगतों की अस्थियां लेकर हरिद्वार के लिए रवाना हुई. संस्था द्वारा अब तक हरिद्वार में 6317 अस्थियों का विसर्जन किया जा चुका है.


पहले आयोजित की गई श्रद्धांजलि सभा


कर्मयोगी सेवा संस्थान की ओर से लावारिस, असहाय, जरूरतमंद दिवंगत लोगों को विधि विधान से तर्पण किया जाता है. संस्थान के संस्थापक राजाराम जैन कर्मयोगी और संयोजक अलका दुलारी कर्मयोगी 119 दिवंगतों की अस्थियां नंदा देवी एक्सप्रेस से लेकर हरिद्वार के लिए रवाना हो गए. उनके साथ संस्थान के कोटा उत्तर अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा के नेतृत्व में 5 सदस्यों का दल भी गया है. दिवंगतों की अस्थियों को विसर्जित करने से पहले उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है, श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाता है और उन्हें नमन किया जाता है।


अस्थिकलश हरिद्वार हरकी पौड़ी पर गंगा में विसर्जित होंगे


कर्मयोगी ने बताया कि जनवरी 2022 से 20 अगस्त 2022 तक कोटा शहर और जिले के विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त 119 लावारिस, जरूरतमंद, असहाय दिवंगतों का विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया गया. जिसके बाद संस्थान द्वारा अस्थियों को हरिद्वार में विसर्जन के लिए एकत्र किया गया है. इन अस्थिकलश को हरिद्वार हरकी पौड़ी में गंगा में विसर्जित किया जाएगा. संस्थान की यह 24वीं अस्थि कलश यात्रा है. उन्होंने बताया कि अस्थि कलश यात्रा की शुरुआत 2008 से हुई थी. तब से लेकर अब तक संस्थान द्वारा हरिद्वार में 6317 अस्थियां विसर्जित की जा चुकी हैं.


यह भी पढ़ेः


Udaipur Rain Update: उदयपुर में भारी बारिश की चेतावनी, माही बजाज डैम के सभी गेट खुले, निकाला जा रहा है इतना पानी


Rajasthan Corona Update: राजस्थान में लगातार दूसरे दिन कोरोना के 400 से ज्यादा मामले, 4 मरीजों की गई जान