Kota Alligator Rescue : कोटा में वन विभाग की ओर से एक घड़ियाल का रेस्क्यू किया गया है. कोटा में अब तक मगरमच्छों का ही रेस्क्यू किया जाता रहा है और उन्हें चम्बल में छोड़ दिया जाता है. लेकिन पहली बार एक घड़ियाल का रेस्क्यू किया गया है. घड़ियाल को काफी मशक्कत के बाद सुरक्षित पकड़ा जा सका.
कोटा बैराज की डाउनस्ट्रीम में एक 12 फीट लंबा घड़ियाल आ गया था. सूचना पर फारेस्ट विभाग की टीम मौके पर पहुंची और करीब 1 घंटे की मशक्कत के बाद घड़ियाल को रेस्क्यू किया गया. करीब 200 किलो वजनी घड़ियाल को 8 लोगों ने उठाकर गाड़ी में रखा. उसे सुरक्षित चिड़ियाघर में ले जाया गया.
300 फीट ऊपर झाड़ियों में था घड़ियाल
फॉरेस्ट विभाग एसीएफ सुबोध कुमार राजपूत का कहना है कि विभाग की टीम मगरमच्छ का रेस्क्यू तो करती रहती है लेकिन कोटा डिवीजन में टीम ने पहली बार घड़ियाल का रेस्क्यू किया है, जो हमारे लिए भी एक उपलब्धि है. वनरक्षक का कहना है कि शुक्रवार को दोपहर में बैराज की डाउन स्ट्रीम में घड़ियाल होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद 4 सदस्यों टीम मौके पर पहुंची.
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उन्होंने बताया कि घड़ियाल पानी की सतह से 300 मीटर ऊपर झड़ियों में था. सावधानीपूर्वक उसकी आंख पर बोरी (कट्टा) डाली गई, फिर रस्सी से उसके मुंह व पैर बांध दिए गए. उसकी लंबाई ज्यादा थी, इस कारण केम्पर गाड़ी में उसको नहीं रखा जा सका. उसके लिए सीढ़ी मंगवावाई गई और उसे सीढ़ी पर रखकर रस्सियों से बांधा गया. फिर 8 लोगों की मदद से उसे उठाकर केम्पर में बांधा गया. जिसके बाद उसे सुरक्षित चिड़ियाघर में छोड़ा गया है.
मालूम हो कि हाल ही में बैराज के गेट खोलकर पानी की निकासी की गई थी. ऐसा संभव है कि पानी के बहाव के साथ घड़ियाल डाउन स्ट्रीम में आ गया. पानी कम होंने पर उसे जाने की जगह नहीं मिली, जिसके बाद वो यहीं रह गया.
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