Rajasthan News: भारतीय संस्कृति में कई जगह पर आश्चर्यचकित कर देने वाली प्रथाएं आज भी चल रही हैं. ऐसे में एक समाज द्वारा जल समाधि की प्रथा निभाई गई. इसे देख लोग आश्चर्यचकित रह गए, पुलिस को भी लगा कोई मर्डर (Murder) है या किसी वारदात को अंजाम दिया गया है, लेकिन जब परतें खुलीं तो सामने आया कि एक समाज की प्रथा निभाई जा रही है. मामला एक मासूम की जल समाधि का है. कोटा के रेलवे कॉलोनी क्षेत्र में चम्बल (Chambal River) में एक छह वर्षीय बालिका का पत्थर से बंधा शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई.
बच्ची की मौत के बाद चम्बल नदी में पत्थर से बांध दिया था शव
पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि बालिका के निधन के बाद उसको रस्म के अनुसार पानी में प्रवाहित कर दिया गया था. जानकारी के अनुसार कुन्हाड़ी माताजी वाली गली निवासी संजीव कुमार सैन के दो लड़कियां और एक लड़का है. दूसरे नम्बर की छह साल की यशवी की टाइफॉइड होने के बाद तबीयत खराब चल रही थी. परिजन उसे 10 दिसंबर को जेके लोन अस्पताल लेकर गए थे, जहां चिकत्सकों ने उसे टीबी की बीमारी बताई और दिमाग में पानी भरना बताया.
चिकित्सकों ने ऑपरेशन भी किया, लेकिन तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ. उसे दौरे पड़ने लगे थे. ज्यादा तबीयत खराब होने के बाद परिजन उसे 23 दिसम्बर को जेके लोन अस्पताल लेकर गए थे, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. परिवार ने समाज की परम्परा के अनुसार शाम होने से पहले ही उसे कुन्हाड़ी क्षेत्र चम्बल में जल समाधि दे दी.
पुलिस ने परिजनों को सौंपा बच्ची का शव
बालिका की मौत के बाद जल समाधि दी गई लेकिन शव रेलवे कॉलोनी थाना क्षेत्र में पुलिया के नीचे पत्थरों से बंधा मिला तो लोगों में हड़कंप मच गया. थानाधिकारी भूपेन्द्र सिंह के अनुसार सूचना मिली थी कि क्षेत्र की चम्बल पुलिया के नीचे पत्थरों से बंधा बालिका शव है. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव बरामद किया. बालिका के हाथ में पट्टी बंधी थी, केनूला था, तब पुलिस को लगा की इसका उपचार चल रहा होगा तो जेके लोन अस्पताल में तलाश शुरू की गई, उसके बाद सामने आया कि इस बालिका की मौत जेके लोन अस्पताल में उपचार के दौरान हुई है.
वही आपको बता दें कि पुलिस ने जब कागज खंगाले गए तो एड्रेस पता चला, उसके बाद पुलिस मृतक बच्ची के घर पहुंची तो परिवार के लोगों ने पूरी घटना बताई और कहा ये हमारे समाज में एक परम्परा है, जिसका निर्वहन करने के लिए पूरे समाज और परिवार के लोग जाते हैं. पुलिस को जब पूरी बात पर विश्वास हुआ तो उच्चाधिकारियों के मार्गदर्शन में शव को ठीक से अंतिम संस्कार की हिदायत दी गई.