Kota News: कोटा में श्री रामचरितमानस ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन, हिंदू के साथ-साथ मुस्लिम छात्रों ने भी लिया भाग
Rajasthan News: डॉ. सुधीर उपाध्याय ने बताया कि लगभग 30 सालों से श्री राम मंदिर प्रबंध समिति गोस्वामी तुलसीदास की जयंती के उपलक्ष में श्री रामचरितमानस पर आधारित ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन कर रही है.
Rajasthan News: राजस्थान (Rajasthan) के कोटा जंक्शन (Kota Junction) स्थित श्री राम मंदिर (Shri Ram Mandir) में श्री रामचरितमानस ज्ञान प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया. यह आयोजन श्री राम मंदिर परिसर में स्थित श्री माधव सत्संग भवन में श्री राम मंदिर प्रबंध समिति की तरफ से हुआ. श्री रामचरितमानस ज्ञान प्रतियोगिता में कक्षा 6 से 8 तक 1 वर्ग में और कक्षा 9 से 11वीं के छात्र-छात्राओं ने दूसरे वर्ग में परीक्षा दी. खास बात ये है कि इस प्रतियोगिता में मुस्लिम समुदाय के साथ सभी धर्म के बच्चों भाग लेते आ रहे हैं, जिन्हें तुलसी जयंती पर पुरस्कृत किया जाता है.
परीक्षा में कोटा शहर के लगभग 50 विद्यालयों के 2250 परीक्षार्थियों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया. विशेष रूप से सभी जाति धर्म, वर्ग और संप्रदाय के छात्र-छात्राएं इस ज्ञान प्रतियोगिता में सम्मिलित हुए. छात्र-छात्राएं अपने शिक्षकों और परिजनों के साथ श्री राम मंदिर में उपस्थित हुए. श्री राम मंदिर समिति के अध्यक्ष ऋषि कुमार शर्मा ने बताया कि इस प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थियों के साथ-साथ प्रोत्साहन के लिए विद्यार्थियों को तुलसी जयंती समारोह पर 4 अगस्त को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा.
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इस प्रतियोगिता में तुलसीदास महाराज के रचित रामायण से प्रश्न आते हैं. डॉ. कामिनी और डॉ. सुधीर उपाध्याय ने बताया कि लगभग 30 सालों से श्री राम मंदिर प्रबंध समिति गोस्वामी तुलसीदास की जन्म जयंती के उपलक्ष में श्री रामचरितमानस पर आधारित ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन करती आ रही है. पिछले 2 सालों में कोरोना महामारी और प्रशासनिक प्रतिबंधों के कारण इस प्रतियोगिता को आयोजित नहीं किया जा सका.
इस प्रतियोगिता के आयोजन का मुख्य उद्देश्य गोस्वामी तुलसीदास के रचित श्री रामचरितमानस (Ramcharitmanas) के माध्यम से आने वाले समय के लिए प्रभु श्री राम, माता जानकी, लक्ष्मण, भरत, भगवान हनुमान और दूसरे सभी प्रेरणादाई चरित्रों के माध्यम से युवा छात्र-छात्राओं को आदर्श नागरिक बनने के संस्कार प्रदान करने का प्रयास है, ताकि आने वाले समय में भविष्य का भारत एक बार फिर विश्व गुरु बन आदर्श नागरिकों से सुसज्जित और सभी क्षेत्रों में सफल और संपन्न बन सके.
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