Kota News: उदयपुर हत्याकांड के विरोध में और राजस्थान के विभिन्न शहरों में आपराधिक तत्वों की गिरफ्तारी कर कठोर दंड दिलवाने की मांग को लेकर आज सम्भागीय आयुक्त कार्यालय पर सर्व हिंदू समाज की ओर से जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला. हजारों की संख्या में लोग प्रदर्शन करने पहुंचे और गुस्सा व्यक्त किया. इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ता कई बार आमने-सामने हुए. जैसे ही कार्यकर्ता संभागीय आयुक्त कार्यालय में घुसने लगे तो पुलिस ने उन्हें बल पूर्वक खदेड़ दिया. कार्यकर्ताओं के हाथों में नारे लिखी तख्तियां थी जिसमें लिखा था कट्टरपंथियों को फांसी दो, पीएफआई को बैन करो, हत्यारों को फांसी देने सहित कई नारे लिखे थे. इस दौरान मौजी बाबा मठाधीश्वर साध्वी हेमा सरस्वती ने राजस्थान में यूपी की तरह योगी को लाने का आव्हान किया. उन्होंने कहा कि राजस्थान में भी युवा योगी की तरह प्रकट हों. योगी की तरह हौसले वाले हों, कार्य करने वाले हों, एक-एक बच्चा बच्चा योगी बन जाए. उन्होंने कहा सनातन धर्मी एक है.


कहा मंदिरों को तोड़ा जा रहा 


हेमा सरस्वती ने कहा कि राजस्थान में सरकार तुष्टीकरण की नीति अपना रही है. एक ओर कट्टरपंथियों को समर्थन दिया जा रहा है, मंदिरों को तोड़ा जा रहा है और मस्जिदों पर खरोंच भी नहीं आती. प्रधानमंत्री तक को यहां चुनौती दी जा रही है. उन्हंने इस षडयंत्र में शामिल सभी को फांसी देने की बात कही. उन्होंने कहा "फांसी से कुछ कम पर बर्दाश्त नहीं करेंगे".


कोटा विधायक ने ये मांग की


कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि स्वत:ही कोटा शहर बंद रहा है. सोशल मीडिया के बंद होने के बाद भी हजारों की संख्या में लोग यहां पहुंचे. सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि "एक पक्षीय कार्यवाही से राजस्थान बंद हो रहा है, सरकार उनके दबाव में आकर हिंदूओं को प्रताड़ित कर रहा है". उन्होंने आगे कहा कि कोटा में खुलेआम दरगाह बनाया जा रहा है, वहां कोई बोलने वाला नहीं है उन पर बस नहीं चल रहा है. उन्होंने राजस्थान में राष्ट्रपति शासन की मांग की.


धारा 144 के बाद भी उमड़े लोग


पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत ने कहा कि नूपुर ने कोई अपराध नहीं किया, उसके खिलाफ कोई भी कार्रवाई गलत है. उन्होंने कहा कि "धारा 144 लगा दी, नेट बंदी कर दी, उदयपुर में कर्फ्यू लगा दिया उसके बाद भी हजारों लोग सड़कों पर आ रहे हैं." ऐसी घटनाओं से राजस्थान भी कांग्रेस मुक्त हो जाएगा. प्रदर्शन के दौरान लोगों ने नारेबाजी करते हुए पीएफआई पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है. बजरंगदल, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं. प्रदर्शन के बाद सर्व हिन्दू समाज द्वारा सम्भागीय आयुक्त को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया.  


पुलिस व कार्यकर्ताओं में धक्का मुक्की


प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी कर अंदर घुसने के प्रयास में पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का मुक्की हो गई. जिसमें कोटा दक्षिण विधायक भी फंस गए और नाराजगी जाहिर की. जब कार्यकर्ता अंदर जाने का प्रयास कर रहे थे तो पुलिस ने उन्हें धक्के देकर एक तरफ किया. उसके बाद कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए और पुलिस प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. लम्बे समय तक ये घटनाक्रम चलता रहा.


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