Narasimha Jayanti 2024: नरसिंह जयंती पर होगा हिरण्यकश्यप के 25 फीट के पुतले का वध, 200 साल पुराने मंदिर से जुड़ी है ये मान्यताएं
Narasimha Jayanti 2024 Celebration: कोटा में किशोरपुरा दरवाजे के पास 200 साल पुराना नरसिंह मंदिर है. इस मंदिर को लेकर विशेष मान्यताएं हैं. हर साल इस मंदिर पर भक्त श्रद्धा भाव से पहुंचते हैं.
Narasimha Jayanti 2024 in Kota: अग्रवाल वैष्णव मोमीयां पंचायत के जरिये मंगलवार (21 मई) को विष्णु भगवान के चतुर्थ अवतार भगवान श्री नरसिंह की जयन्ती पर भव्य समारोह का आयोजन किया जाएगा. यह कार्यक्रम गांधी चौक रामपुरा में आयोजित किया जाएगा.
संस्था के प्रवक्ता संजय गोयल ने बताया कि भगवान नरसिंह के स्वरूप द्वारा हिरण्यकश्यप के 25 फीट के पुतले का वध किया जाएगा. कार्यक्रम संयोजक श्याम सुंदर गर्ग ने बताया कि राम दरबार और शिवजी, हनुमान और भक्त प्रह्लाद की झांकी सजाई जाएगी.
समारोह में सांयकाल में सूर्यास्त होते ही समय 6.45 बजे नृसिंह भगवान प्रकट होंगे. इसके बाद हिरण्यकश्यप के पुतले का वध होगा. इसके बाद कार्यक्रम में महाआरती की जाएगी और बाद में ठंडाई और प्रसाद वितरण होगा.
126 साल पुरानी है परंपरा
संस्था के अध्यक्ष चेतन मित्तल ने बताया कि यह परंपरा पिछले 126 सालों से चली आ रही है. पहले यह समारोह रामपुरा चौक पर होता था. सन 1905 में दरबार द्वारा नरसिंह धमार्शाला के सामने (अभी गांधी चौक है) जगह उपलब्ध कराई. तभी से जनता जन के लिए समारोह आयोजित होता आ रहा है.
जिसमें भगवान नरसिंह द्वारा हिरण्य कश्यप के पुतले का वध किया जाता है. आम लोग पुतले के कागज और लकड़ियों को लेजाकर अपने घरों के बाहर लगाते हैं. जिससे उन्हें साल भर कोई परेशानी नहीं हो.
परेशानियों से बचने के लिए लोग करते हैं ये उपाय
इस समारोह का आयोजन हर साल किया जाता है. जिसमें लोग पूरी श्रद्धाभाव से शामिल होते हैं. यह मान्यता 126 साल से चली आ रही है, जिसमें माताएं अपने छोटे-छोटे बच्चों को भगवान की गोद में देती हैं और आशीर्वाद दिलाती हैं.
ऐसी मान्यता है कि इससे बच्चे रात को डरते नहीं हैं और बीमारियों से दूर रहते हैं. बच्चों पर कोई कष्ट नहीं आता और स्वस्थ्य रहते हैं.
200 साल पुराना है नरसिंह भगवान का मंदिर
किशोरपुरा दरवाजे पर स्थित प्राचीन नरसिंह मंदिर के पुजारी मयंक शर्मा ने बताया कि कोटा में यह एक मात्र नरसिंह मंदिर है. यह मंदिर 200 साल पुराना है. कोटा महाराज पूजा करने आते थे. नरसिंह जयन्ती के अवसर पर भगवान का पंचामृत से महाअभिषेक, चन्दन का लेप, शृंगार, फूल बंगला के दर्शन होंगे.
मान्यता है कि नरसिंह भगवान पर चंदन का लेप लगाना बहुत शुभ होता है. इसके तहत जो व्यक्ति लंबे समय से बीमार है, अगर उसने नरसिंह भगवान पर चढ़ाया चन्दन अपने माथे पर लगा ले तो उस मरीज की सेहत में सुधार होने लगता है.
'अपनी समस्या कागज में लिखकर जाते हैं भक्त'
पुजारी मयंक शर्मा ने बताया कि लोग अपनी समस्या को कागज में लिखकर भगवान के यहां रखकर जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो भी लिखा जाता है वह मुराद पूरी होती है. इस दौरान हाथों में शुभ नरसिंह पवित्रा बांधी जाती है जो कि दिव्य और चिरस्थायी सुरक्षा प्रदान करता है.
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