Kota News: रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force) यानी आरपीएफ ने पिछले एक साल में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है. वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय ने बताया कि ऑपरेशन रेल सुरक्षा के तहत आरपीएफ ने रेलवे संपत्ति से जुड़े अपराध के खिलाफ बड़े स्तर पर कानूनी कार्रवाई की. एक वर्ष के दौरान आरपीएफ ने रेलवे संपत्ति की चोरी के 6492 मामले दर्ज किए, जिसमें रेलवे संपत्ति की चोरी हुई रुपये की वसूली की गई. 11268 अपराधियों की गिरफ्तारी से 7.37 करोड़ की कमाई हुई.


 5179 दलालों को किया गया गिरफ्तार


ऑपरेशन उपलब्ध के तहत दलालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए आरपीएफ दलाली से रेलवे टिकटों की खरीद और आपूर्ति का कारोबार करने में शामिल लोगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है. इस अभियान के तहत 5179 दलालों को गिरफ्तार किया गया और उनके खिलाफ 4884 मामले दर्ज किए गए. इसमें आईआरसीटीसी के 1021 अधिकृत एजेंट शामिल हैं जो आरक्षित टिकटों को हड़पने में अवैध तरीकों का इस्तेमाल करते थे.


140 से अधिक अवैध सॉफ्टवेयरों को उनके डेवलपर्स, सुपर सेलर्स, विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को ऐसे अवैध सॉफ्टवेयर्स का उपयोग करते गिरफ्तार किया गया.


आरपीएफ ने नन्हें फरिश्तों को बचाया


आरपीएफ ने ऑपरेशन 'नन्हे फरिश्ते' के तहत बच्चों का बचाव किया. आरपीएफ देखभाल और संरक्षण की जरूरत वाले वैसे बच्चों की पहचान करने और उन्हें बचाने का नेक काम करता है, जो विभिन्न कारणों से अपने परिवार से बिछड़ गए हैं. आरपीएफ ने कई खोए/अलग हुए बच्चों को उनके परिवार से मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और भारतीय रेलवे के संपर्क में आए देखभाल और सुरक्षा की जरूरत वाले बच्चों को बचाया है.


इस संबंध में, एक सघन अभियान यानी ट्रेनों/रेलवे स्टेशनों पर देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों को बचाने के लिए भारतीय रेलवे स्टेशनों पर 'नन्हे फरिश्ते' की शुरूआत की गई है.इसके उल्लेखनीय परिणाम सामने आ रहे हैं. विगत वर्ष के दौरान, आरपीएफ कर्मियों ने ऐसे 17,756 बच्चों को बचाया.


 तस्करी के खिलाफ भी सघन अभियान


ऑपरेशन एएएचटी- आरपीएफ बल ने मानव तस्करी के खिलाफ ऑपरेशन एएएचटी नाम का एक अभियान शुरू किया है. आरपीएफ की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स को पूरे भारत में 740 से अधिक स्थानों पर पोस्ट स्तर (थाना स्तर) पर चालू किया गया था. रेलवे ने वर्ष 2022 के दौरान, 194 तस्करों को गिरफ्तार कर 559 लोगों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया .


 ट्रेन के नीचे आने से भी लोगों को बचाया


मिशन जीवन रक्षा ऐसी घटनाएं होती हैं, जिनमें यात्री जल्दबाजी में चलती ट्रेन में चढ़ने/उतरने की कोशिश करते हैं. ट्रेन के पहियों के नीचे आने के जोखिम के साथ फिसल कर गिर जाते हैं. ऐसे और भी उदाहरण हैं जहां संकट में फंसे लोग जानबूझकर चलती ट्रेन के सामने आकर आत्महत्या करने की कोशिश करते हैं. इस ऑपरेशन के तहत आरपीएफ के जवान अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाने की कोशिश करते हैं.


वर्ष 2022 के दौरान, आरपीएफ कर्मियों ने 852 लोगों की जान बचाई. इसके साथ ही नशीले पदार्थ न केवल युवाओं के स्वास्थ्य को नष्ट करते हैं, बल्कि वे अर्थव्यवस्था और राष्ट्र की भलाई को भी नुकसान पहुंचाते हैं. आरपीएफ को तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार दिया गया है.


25500 भूल हुए सामानों को किया बरामद


आपरेशन अमानत में कई यात्री ट्रेन में चढ़ने या ट्रेन/स्टेशन छोड़ने की होड़ में अपना सारा सामान लेना भूल जाते हैं. इस ऑपरेशन के तहत आरपीएफ के जवान इस तरह के सामान को हासिल करने में मदद करते हैं और उन्हें सही मालिक को पहुंचाना सुनिश्चित करते हैं. इस ऑपरेशन के तहत, आरपीएफ ने 46.5 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के लगभग 25,500 सामान को बरामद किया.


 महिलाओं की सुरक्षा को आरपीएफ दे रहा प्राथमिकता


यात्री अपराध की रोकथाम और पता लगाना के ऑपरेशन के तहत आरपीएफ रेलवे के जरिए यात्रियों की सुरक्षा और सुरक्षित यात्रा पर विशेष ध्यान देती है. वर्ष के दौरान आरपीएफ ने आईपीसी के तहत विभिन्न प्रकार के यात्री संबंधी अपराधों में शामिल 5749 अपराधियों को गिरफ्तार कर जीआरपी/पुलिस के हवाले कर दिया. इसमें नशा करने वाले 82 व्यक्ति, 30 डकैत, 380 नकाबपोश, 2628 चोर, 1016 चेन स्नैचर और महिलाओं के खिलाफ अपराध में शामिल 93 लोग शामिल थे.


अक्टूबर 2020 से पूरे भारतीय रेलवे नेटवर्क में शुरू की गई 'मेरी सहेली पहल' को और बेहतर बनाया गया. इस पहल का उद्देश्य महिला यात्रियों, अकेले या लंबी दूरी की ट्रेनों में नाबालिगों के साथ यात्रा करने वाली महिला यात्रियों को उनकी पूरी यात्रा के लिए आरंभिक स्टेशन से समापन स्टेशन तक सुरक्षा और संरक्षा प्रदान करना है. वर्तमान में, इस उद्देश्य के लिए 243 टीमों को तैनात किया जा रहा है.  


वर्ष 1957 रेल मंत्रालय के तहत हुआ था आरपीएफ का गठन 


रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force) का गठन 1957 रेल मंत्रालय के तहत भारत सरकार ने किया था, जिसका काम रेलवे की संपत्ति की बेहतर सुरक्षा और रेल संपत्ति की आवाजाही में किसी भी बाधा को दूर करना है. आरपीएफ को रेलवे संपत्ति (गैरकानूनी कब्जा) अधिनियम, 1966 के प्रावधानों के तहत रेलवे संपत्ति के खिलाफ अपराध के मामलों से निपटने का अधिकार है. आरपीएफ को 2004 से रेलवे यात्री क्षेत्र और रेल यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है.


रेल यात्रियों, यात्री क्षेत्र और रेलवे संपत्ति की सुरक्षा, यात्री यात्रा और सुरक्षा को सुविधाजनक बनाने के लिए बल अपराधियों के खिलाफ लगातार संघर्ष कर रहा है. महिलाओं और बच्चों की तस्करी और रेलवे क्षेत्र में पाए जाने वाले निराश्रित बच्चों के पुनर्वास के लिए उचित कार्रवाई करना भी है. इस बल को अपने रैंकों में महिलाओं की सबसे बड़ी हिस्सेदारी 9 प्रतिशत के साथ केंद्रीय बल का गौरव प्राप्त है.


ये भी पढ़ें :-Plane Crash in MP & Rajasthan: एक ही समय पर 3 विमान क्रैश, भरतपुर में चार्टर्ड प्लेन तो मुरैना में सुखोई-मिराज ने खोया नियंत्रण