Kota Rape Case: कोटा की पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग को बहलाकर फुसलाकर ले जाने और रेप करने के मामले में दो आरोपियों को 20-20 साल की सजा सुनाई है. अदालत ने आरोपियों पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. 14 जनवरी 2022 को पीड़िता ने थाना देवली मांझी जिला कोटा ग्रामीण में एक तहरीरी रिपोर्ट दी थी. रिपोर्ट के मुताबिक 13 जनवरी 22 को 3 बजे नाबालिग छोटे भाई के साथ घर पर अकेली थी. माता-पिता खेत पर काम करने गए हुए थे. इस दौरान सोनू एक दोस्त के साथ अपनी बाइक पर घर आया और बच्ची को बहला-फुसलाकर गांव की राडी में ले गया. राडी में सोनू ने बच्ची के साथ जबरदस्ती गलत काम किया. हालांकि सोनू के दोस्त ने कोई गलत काम नहीं किया.
दो आरोपियों को 20-20 साल का कठोर कारावास
चिल्लाने पर सोनू ने बच्ची को जान से मारने की धमकी दी. बाद में सोनू बाइक पर घर छोड़कर चला गया. उसे ले जाते और छोड़ते समय उसके भाई ने सोनू को देखा था. शाम को माता-पिता के घर आने पर घटना से अवगत कराया. पीड़िता ने बताया कि सोनू से करीब 15 दिन पहले नाना के बारवे में मिली थी. सोनू घर के फोन पर पीड़िता से बात करता था. पुलिस ने पीड़िता की रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज किया और जांच कर आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया.
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'रेप करने वाले के बराबर है साथ देने वाला दोषी'
अदालत ने फैसला सुनाते हुए आरोपियों को दोषी करार दिया. 22 वर्षीय आरोपी सोनू पुत्र रामलाल को 20 साल के कठोर कारावास और 30 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडिता किया. दूसरे आरोपी 18 वर्षीय रामअवतार पुत्र रामदेव को भी 20 वर्ष की सजा सुनाई और 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया. रामअवतार को अदालत ने रेप के मामले में सहयोग का दोषी माना. फैसले के मुताबिक रेप करने वाला जितना दोषी है उतना ही दोषी साथ देने वाला होता है. ऐसे में दोनों ही सजा के बराबर भागी होते हैं.