Kota Minor Rape Case: कोटा की पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग के साथ कुकर्म करने के मामले में एक अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने नाबालिग से कुकर्म के आरोपी को दोषी ठहराते हुए अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा कोर्ट ने दोषी को 21 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है.


न्यायालय पॉक्सो क्रम-3 कोटा ने मासूम बालक के साथ कुकर्म के मामले में आरोपी मौलवी को अंतिम सांस तक की सजा और 21 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है. विशिष्ट लोक अभियोजक ललित शर्मा ने बताया कि 22 अक्टूबर 23 को कोटा के बुढादीत के रहने वाले 10 वर्षीय 3 माह पीड़ित की तरफ से उसके चाचा के द्वारा लिखित में तहरीर दी गई थी. 


मौलवी के पास पढ़ाई करता था पीड़ित
इसमें पीड़ित के चाचा ने बताया था कि मेरे बड़े भाई का साल 2017 में स्वर्गवास हो गया था. उनके दो बच्चे हैं, एक बच्चा कक्षा 5वीं का छात्र है. उनमें से एक करीब के मस्जिद में अरबी की पढ़ाई करता था. मौके वारदात के दिन शाम 4 बजे मैं घर पर था, उसी समय मेरा भतीजा रोता हुआ घर पर पहुंचा.मैंने जब उसके रोने की वजह पूछी तो उसने बताया कि वह करीब की मस्जिद में मौलवी जी के पास अरबी पढ़ने गया था.


दरिंदगी के बाद दोषी मौलवी ने दी धमकी
इस दौरान मस्जिद में पीड़ित और मौलवी नसीम खान के अलावा कोई नहीं था. पीड़ित ने चाचा को बताया कि उस दिन मौलवी जी ने थोड़ी देर तक पढ़ाया और उसके बाद मुझे पास की मस्जिद के कमरे में ले गया. जहां उसने नाबालिग पीड़ित के साथ गलत काम किया. नाबालिग मासूम के मुताबिक, जब वह रोने लगा तो उसने मुझे डांट लगाई. मौलवी जी ने मेरे साथ गलत हरकत और गलत काम किया.


इतना ही नहीं दोषी ने वारदात को अंजाम देने के बाद नाबालिग को धमकी भी दी. मौलवी जी ने कहा कि अगर तूने किसी को यह बात बताई तो तुम्हें जान से मार दूंगा. इसके बाद पीड़ित वहां से घर चला गया. नाबालिग पीड़ित के चाचा ने पुलिस को दी गई लिखित तहरीर में बताया कि बुढादीत मस्जिद के मौलवी नसीम निवासी हुयपूरी जिला पलवल हरियाण ने मेरे नाबालिग भतीजे के साथ गलत काम किया.


पॉक्सो कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए क्या कहा?
विशिष्ट लोक अभियोजक ललित शर्मा ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने महज 14 दिन में न्यायालय में चालान पेश कर दिया. इस पर कोर्ट ने थानाधिकारी की तारीफ भी की. ललित शर्मा ने मुताबिक, पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी मौलवी को दोषी ठहराते हुए कहा, "मेरे नन्हें फरिश्ते तुम निर्दोष और निष्पाक हो, मैंने तुम्हारे गुनहगारों को सलाखों के पीछे अंतिम सांस तक सजा दी है." उन्होंने बताया कि इस पूरी सुनवाई के दौरान मौलवी कभी अपना चेहरा छिपाता रहा तो कभी रोता हुआ दिखाई पड़ा.


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