Kota News Today: पूरे देश में फेस्टिवल सीजन शुरू हो चुका है. आने वाले दिनों में कोटा शहर में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के जरिये मोहर्रम, रक्षाबंधन, गणेश चतुर्थी, डोल ग्यारस, तेजादशमी, कृष्ण जन्माष्टमी और अनंत चतुर्दशी पर्व मनाए जाएंगे.
इन पर्वों के दौरान कोटा शहर में जुलूस, झांकियां और शोभा यात्राएं निकाली जायेंगी, जिनमें बड़ी संख्या में जन समूह के एकत्रित होने की संभावना हैं. ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट है.
फेस्टिव सीजन में कोटा शहर में सांप्रदायिक सौहार्द और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 163 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के अन्तर्गत निषेधाज्ञा आदेश जारी किए गए हैं.
'कोटा सांप्रदायिक दृष्टि से अतिसंवेदनशील'
इस आदेश के तहत बताया गया कि कोटा जिला साम्प्रदायिक दृष्टि से अतिसंवेदनशील है. असामाजिक तत्वों जरिये पर्व के दौरान कानून, शांति व्यवस्था और लोक व्यवस्था की स्थिति प्रभावित की जा सकती है. जिससे सामान्य जनजीवन विपरीत रूप में प्रभावित हो सकता है.
विधि प्रतिकूल अन्य घटनाएं घटित होने की प्रबल संभावनाएं हो सकती हैं. समाज और विभिन्न समुदाय के बीच तनाव उत्पन्न हो सकता है, जिससे लोगों के जानमाल की हानि हो सकती है. राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक व्यक्तियों के आगमन से आम जनजीवन प्रभावित होने के साथ लोक शांति भंग होने की संभावना है.
10 सिंतबर तक निषेधात्मक कानून लागू
ऐसी परिस्थिति को देखते हुए जिले कलेक्टर डॉक्टर रविंद्र गोस्वामी और कोटा जिला मजिस्ट्रेट के जरिये भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, की धारा 163 लागू की है. इसके तहत उपरोक्त स्थिति के मद्देनजर प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पूरे कोटा जिले में 11 जुलाई 2024 से 10 सितंबर 2024 तक के लिए निम्न निषेधात्मक आदेश दिए गए हैं.
इन चीजों पर रहेगी पाबंदी
धारा 163 के तहत दिए गए आदेश में बताया गया है कि जिले की सीमा में कोई भी व्यक्ति अस्त्र शस्त्र, राइफल, रिवाल्वर, पिस्तौल, बंदूक, तीर कमान जैसे खतरनाक हथियार नहीं हो सकता है.
इसके अलावा किसी भी प्रकार के तेजधार वाले हथियार जैसे गंडासा, फरसा, तलवार, चाकू, गुप्ती, त्रिशूल, संगीन पंजा, लाठी, पत्थर, ईंट आदि लेकर सार्वजनिक स्थान पर विचरण नहीं कर सकता है और न ही ऐसे अस्त्र, शस्त्रों का प्रदर्शन करेगा. इस दौरान अवैध वाहनों के संचालनों पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी.
इन्हें मिलेगी छूट
सिक्ख समुदाय के लोगों को, राजस्थान सशस्त्र पुलिस बल, सिविल पुलिस होमगार्ड, सेना, राज्य एवं केंद्रीय कर्मचारियों पर जो कानून एवं शांति व्यवस्था के संबंध में अपने हथियार रखने को अधिकृत किए गए है, उन पर ये लागू नहीं होगा.
प्रतिबंधात्मक अवधि में दृष्टिहीन और बुजुर्ग व्यक्ति जो बिना लाठी के नहीं चल सकते हैं, वे लाठी का सहारा ले सकेंगे. जिले में कोई भी व्यक्ति अनाधिकृत विस्फोटक पदार्थ, घातक रासायनिक और अत्यन्त ज्वलनशील पदार्थ लेकर नहीं चलेगा.
इस दौरान उक्त पदार्थों का प्रयोग करेगा या प्रयोग करने के लिए प्रेरित नहीं करेगा. विस्फोटक पदार्थ बंद डिब्बों, कांच की बोतलों में भी लेकर नहीं चलेंगे और न ही इसका प्रयोग करेंगे.
सोशल मीडिया पर प्रशासन की नजर
जिले में कोई भी सोशल मीडिया के माध्यम से अनावश्यक तथ्य आदान प्रदान नहीं करेंगे. जिससे शांति व्यवस्था और लोक शांति भंग होने की किसी भी प्रकार की संभावना उत्पन्न हो. कोई भी व्यक्ति ना तो स्वयं अफवाह फैलायेगा और न ही ऐसा कृत्य करने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहित करेगा.
ताजियों- मूर्तियों के लिए बनाए गए नियम
सभी धार्मिक जुलूस निर्धारित मार्ग के अलावा दूसरे मार्ग से नहीं निकाल सकेंगे. मोहर्रम पर्व पर ताजियों का विसर्जन निर्धारित स्थलों पर ही किया जायेगा. ताजियों के निर्माण के दौरान ऐसी किसी भी सामग्री का उपयोग नहीं किया जाएगा जिससे जल प्रदूषण हो.
जल प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से धार्मिक आयोजन के दौरान प्लास्टर आफ पेरिस से निर्मित मूर्तियों का निर्माण और उनका जलाशयों, नदियों, नहरों तालाबों आदि में विसर्जन निषेध रहेगा.
कोई भी व्यक्ति, संस्था या जनसमूह किसी भी प्रकार के साम्प्रदायिक विद्वेष उत्पन्न करने वाले आपत्तिजनक या उत्तेजनात्मक नारे नहीं लगाएगा. केबल टीवी पर ऐसा कोई विज्ञापन या कार्यक्रम या समाचार का प्रसारण नहीं करेगा, जिससे किसी व्यक्ति, धर्म विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचे या कानून-व्यवस्था बिगड़ने की संभावना हो.
सौहार्द बिगाड़ने वाले गानों पर बैन
जिला कलक्टर ने दिए आदेश में बताया कि कोई भी सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले गाने नहीं बजायेगा. कोटा शहर में जुलूस, झांकियां और शोभा यात्राओं के आयोजन के दौरान मोटर व्हीकल एक्ट के तहत प्रतिबंधित किसी भी वाहन का उपयोग नहीं किया जाएगा.
धार्मिक जुलूसों के मार्ग वाले मकानों की छतों पर कोई व्यक्ति रेत, पत्थर, ईंट जैसी ऐसी कोई सामग्री एकत्रित नहीं करेगा, जिसका उपयोग किसी को भी चोट पहुंचाने के लिए किया जा सकता हो.
प्रशिक्षित व्यक्ति ही करा सकेंगे विसर्जन
तालाबों आदि में प्रशिक्षित तैराकों और गोताखोरों के अलावा स्नान या अन्य किसी भी उद्देश्य से व्यक्तियों का जोखिमपूर्ण प्रवेश निषेध रहेगा.
प्रशासन के जरिये उपलब्ध करवाई गई नावों के माध्यम से प्रशिक्षित कार्मिक ही विसर्जन संपादित कर सकेंगे. प्राईवेट नावों, अप्रशिक्षित व्यक्तियों द्वारा विसर्जन किया जाना वर्जित रहेगा.
यह आदेश पूरे कोटा जिले में तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है और 10 सितंबर 2024 तक प्रभावी रहेगा. इस आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत कार्रवाई की जाएगी.
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