Rajasthan Crime News: कोटा पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर का खुलासा किया है. हनुवंतखेडा रोड पर खेत से 11 जुलाई को संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिला था. मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक की पहचान सत्यप्रकाश निवासी देवली अरब कोटा के रूप में की.
पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि परिवार ने हत्या का शक किसी पर नहीं जताया था. मृतक की पत्नी की रिपोर्ट पर थाना बोरखेडा में हत्या का मामला दर्ज किया गया. पत्नी ने रिपोर्ट में बताया कि पति कार से किराना का सामान लेने बाहर गये थे.
रात में 10 बजे तक नहीं आने पर पति को फोन किया. पति ने खेत पर पानी की मोटर बंद करने के बाद घर आने की बात कही. पत्नी ने बताया कि आधे घंटे बाद पति का फोन बंद मिला. परिवार के लोग खेत पर पहुंचे. पति मेड के पास अचेत अवस्था में पड़े थे. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने पति को मृत घोषित कर दिया. एसपी ने बताया कि आरोपी अज्ञात थे. परिजनों को किसी पर शक नहीं था. घटना का कारण स्पष्ट नहीं होने से पुलिस की चुनौती भी बढ़ गयी थी.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिलीप सैनी और संजय शर्मा के निर्देशन में विशेष टीम का गठन किया गया. विशेष टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण, सीसीटीवी कैमरों की जांच, आम सूचना संकलन और तकनीकि विश्लेषण को आधार बनाया. कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए अज्ञात आरोपी की पहचान की गई. पुलिस से बचने के लिए आरोपी बार- बार लोकेशन बदल रहे थे. पुलिस की टीम आरोपियों का ओड़ीशा के भुवनेश्वर और महाराष्ट्र के नागपुर तक पीछा किया.
खेत से मोटर चुराने की थी नियत
आरोपियों की जानकारी जुटाने के लिए राजस्थान पुलिस को मजदूर बनना पड़ा. रेहडी वाले का भेष बदलकर भी आरोपियों का पीछा गया. आखिरकार पुलिस की टीम ने बनवारी और गिर्राज को गिरफ्तार करने में सफलता मिल गयी. एसपी ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने जुर्म स्वीकार कर लिया है. गिरफ्तार दोनों आरोपी शातिर बदमाश हैं. बनावारी के खिलाफ हत्या, चोरी, नकबजनी समेत 11 प्रकरण दर्ज होना सामने आया है. गिर्राज के खिलाफ भी 5 मुकदम दर्ज हैं.
मालिक की डंडे से वार कर हत्या
एसपी ने बताया कि बनवारी और गिर्राज एक अन्य साथी के साथ बाइक पर खेतों से पानी का मोटर चुराने आये थे. रात 10 बजे उन्होंने सत्यप्रकाश के खेत में प्रवेश किया. कार की लाइट देखकर आरोपी छिपने लगे. सत्यप्रकाश ने खेत में आने का कारण पूछा. आरोपियों ने डंडे से सिर पर वार कर सत्यप्रकाश की हत्या कर दी. वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों सत्यप्रकाश की जेब से मोबाइल, कार की चाबी, नगद राशी लेकर मौके से फरार हो गए.
ये भी पढ़ें-
हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने राजस्थान के गवर्नर के रूप में ली शपथ, बने प्रदेश के 45वें राज्यपाल