Kota News: कोटा संभाग प्रदेश में मुख्य संभागों में गिना जाता है. कांग्रेस के कद्दावर नेता और प्रदेश तके यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल भी यहीं से आते हैं, लेकिन इतने बडे संभाग में ना तो संभागीय आयुक्त है और ना ही यहां एसपी है. दोनों ही कुर्सियां खाली पड़ी हैं और कार्यवाहक के भरोसे संभाग को संभाला जा रहा है. इसके साथ ही निगम आयुक्त का पद भी रिक्त हैं. ऐसे में लोगों के काम तो अटक ही रहे हैं, पुलिस  के साथ प्रशासनिक काम भी राम भरोसे ही चल रहे हैं. 


इस कोचिंग सिटी को पर्यटन सिटी बनाने की योजना जोर शोर से चल रही है, लेकिन अधिकारियों का नहीं होना कहीं ना कही व्यवस्थाओं को कमजोर कर रहा है. प्रदेश का बड़ा मुख्यालय होने के बाद भी सरकार का यहां ध्यान नहीं है. कोटा शहर में आए दिन अपराध हो रहे हैं. हत्या, लूट, डकैती, चाकूबाजी, छिनाछपटी और चोरी सहित साइबर अपराध भी यहां तेजी से बढ़ रहे हैं.


जनता की सुरक्षा से खिलवाड़?


जिले की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपी की होती है, लेकिन पिछले एक महीने से एसपी की कुर्सी भी खाली पड़ी हुई है. वहीं अन्य अधिकारियों के पास उनका ही इतना अधिक काम है कि दूसरा काम करना उनके बस की नहीं है, लेकिन फिर भी काम कर रहे हैं. ये कहना गलत नहीं होगा कि यहां एसपी की कुर्सी खाली रखकर लोगों की सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है.
 
31 दिसंबर को एसपी हुए थे सेवानिवृत


बता दें कोटा के संभागीय आयुक्त दीपक नंदी 30 नवंबर को सेवानिवृत हुए थे. जबकी 31 दिसंबर को शहर पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत सेवानिवृत हुए थे. उसके बाद से ये दोनों ही प्रमुख पद रिक्त चल रहे हैं. इन पदों पर कार्यवाहक के रूप में जिम्मेदारी संभाली जा रही है. अतिरिक्क्त संभागीय आयुक्त की जिम्मेदारी राजपाल सिंह के पास है. वो संभागीय आयुक्त का चार्ज संभाल रहे हैं. वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन कार्यवाहक एसपी की भूमिका निभा रहे हैं.


इसके साथ ही कोटा नगर निगम का मुख्य पद निगम आयुक्त भी नहीं है. कोटा दक्षिण निगम में आयुक्त राजपाल सिंह को अतिरिक्त संभागीय आयुक्त बना दिया गया है. इसलिए अब निगम कोटा दक्षिण के आयुक्त का पद भी लंबे समय से रिक्त चल रहा है. यहां भी लोगों के काम अटके पड़े हैं.  


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