Rajasthan News: गणेश चतुर्थी, अनंत चतुर्दशी का पर्व नजदीक आ रहा है. मूर्तिकारों ने अभी से मूर्तियां बनाना शुरू कर दिया है. ऐसे में कोटा पुलिस का एक आदेश मूर्ति कारीगरों को परेशान कर रहा है. आदेश के तहत  3 फीट से अधिक बड़ी मूर्ति कारीगर नहीं बना सकेंगे. नियमों का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. आदेश में बताया गया है कि प्रतिमाएं 3 फीट से अधिक बड़ी नहीं होनी चाहिए. मूर्तिकारों का कहना है कि मिट्टी की मूर्ति भी 3 फीट से छोटी नहीं बन सकती. 


पुलिस ने मूर्ति कलाकारों के लिए जारी किया नोटिस
पुलिस की तरफ से मूर्तिकारों को भेजे गए नोटिस में बताया गया है कि आगामी गणेश चतुर्थी, दुर्गा पूजा ,अनंत चतुर्दशी पर्वो पर गणेश, दुर्गा की प्रतिमा/मूर्तियां बनाई जाएंगी. प्रतिमाओं, मूर्तियों का विसर्जन चंबल नदी और किशोर सागर, तालाब में किया जाता है. सागर, तालाब में मूर्ति विसर्जित होने से जल प्रदूषित होता है और जलीय जीव जंतुओं पर प्रभाव पड़ता है. आप प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) की मूर्तियां नहीं बनाएं. अगर कोई प्लास्टर ऑॅफ पेरिस की मूर्तियां बनाते हुए पाया जाता है तो मूर्तियां जब्त कर नियमानुसार विधिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. मिट्टी की मूर्तियों की ऊंचाई 3 फीट से अधिक नहीं होगी. 


3 फीट से ज्यादा ऊंची मूर्ति नहीं बना सकेंगे कारीगर
पुलिस की तरफ से जारी आदेश ने बंगाली समेत अन्य कारीगरों के माथे पर चिंता की लकीरें पैदा कर दी हैं. बंगाली समुदाय के कारीगर साल में एक बार मूर्तियां बनाकर वापस चले जाते हैं. ऐसे में पुलिस का फरमान मूर्तिकारों के लिए संकट पैदा कर रहा है. कलाकार 10 से 12 फीट की प्रतिमाएं बनाते हैं. 3 फीट से अधिक ऊंचाई नहीं रखने के आदेश ने बंगाली कारीगरों को धर्म संकट में डाल दिया है. 


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प्रतिमाएं बनकर तैयार, देर से पुलिस का आदेश आया 
4 अगस्त को पुलिस का जारी आदेश काफी देर से आया. कारीगर एक माह पहले से ही मूर्ति बनाने के काम में जुट जाते हैं. मूर्ति बनाने वाले दर्जनों कारीगरों ने सैकडों प्रतिमाएं बना ली हैं. प्रतिमाओं पर केवल रंग रोगन करना बाकी है. ऐसे में आदेश को लागू करने पर मेहनत के साथ आर्थिक नुकसान भी होगा. अब ये कारीबर पुलिस से गुहार लगा रहे हैं कि बने हुए माल को ही बचेने की परमिशन दी जाए. कारीगर हिंदू संगठनों से संपर्क कर विरोध की तैयारी में लगे हैं. 


कोरोना काल के बाद एक बार फिर गणेश उत्सव मनाने का उत्साह लोगों में देखा जा रहा है. इससे पहले भी आदेश जारी कर सार्वजनिक स्थानों पर मूर्तियां नहीं लगाने और बड़ी प्रतिमाओं पर प्रतिबंध था. लेकिन उसके बाद भी लोगों ने बड़ी-बड़ी प्रतिमाओं का विसर्जन किया था. अनंत चतुर्दशी का विशाल जुलूस कोटा में निकाला जाता है. जुलूस में जन सैलाब जुलूस उमड़ पड़ता है. सैकडों झांकिया, भजन मंडलिया, अखाडे, स्वागत द्वार, महिला अखाडे जुलूस में रहते हैं. गणपति की प्रतिमाओं को चम्बल, किशोर सागर तालाब, बडी नहरों में विसर्जित कर भक्त वापस लौटते हैं. 


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