Kota News: राजस्थान में कोटा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ नीट और जेई मेंस की तैयारी के लिए जाना जाता है. हालांकि बीते कुछ महीनों से यहां हुए आत्महत्या के मामले विचलित करते हैं. ऐसे मामलों को रोकने के लिए कोटा पुलिस लगातार सार्थक प्रयास कर रही है, जिसके परिणाम भी आने शुरू हो गए हैं. कोटा पुलिस द्वारा शुरू की गई हेल्पलाइन से स्टूडेंट को भरपूर मदद मिल रही है. सुसाइड को रोकने के लिए कोचिंग संस्थान, पुलिस-प्रशासन की ओर से संभव प्रयास किए जा रहे हैं. इस बीच छात्रों को संबल देने और उनकी सहायता के लिए पुलिस की ओर से 24 जून से हेल्प डेस्क शुरू किया गया था. इसके जरिए करीब 1 माह में ही 3 सुसाइड अटेम्प्ट्स की कोशिश करने वालों बचाया गया है.
स्टूडेंट्स के तनाव को कम करने, काउंसलिंग करने और उनकी विभिन्न समस्याओं का समाधान भी हेल्पलाइन के माध्यम से हो रहा है. हेल्प डेस्क पर 118 शिकायतें आधिकारिक रूप से आई हैं, जिनका निस्तारण स्टूडेंट हेल्प डेस्क ने किया है. एडिशनल एसपी ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि शिकायतों के निस्तारण के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बनी हुई है. इसके अनुसार ही शिकायतों को उसी दिन या कुछ घंटों में ही निस्तारण का टारगेट रखा जाता है. शिकायत देर रात आती है या मसला गंभीर है, तब त्वरित एक्शन लिया जाता है. इस हेल्पलाइन का पहला मकसद छात्रों का तनाव कम करना है, जो उनकी समस्याओं को जानकर या फिर उनके आसपास रहकर ही किया जा सकता है.
पिता के फोन पर पुलिस ने बेटे को बचाया- एडिशनल एसपी
एडिशनल एसपी ठाकुर चन्द्रशील ने बताया कि हमारा प्रयास रहता है कि छात्रों से हम ज्यादा से ज्यादा मिलें और उनकी समस्याओं के समाधान करें. इसके साथ ही हमारी टीम छात्रों को मोटिवेट करने में भी जुटी रहती है. छात्रों को यह विश्वास दिलाया जाता है कि वे उनके साथ खड़े हैं. उन्होंने बताया कि हेल्पलाइन पर कुछ दिन पहले एक फोन आया, जिसमें व्यक्ति ने बताया है कि उसका बच्चा जवाहर नगर इलाके के हॉस्टल में रहता है और उसने कमरा बंद कर लिया है. फोन भी नहीं उठा रहा है. सूचना मिलने के कुछ ही देर में टीम हॉस्टल में पहुंची और छात्र का रेस्क्यू किया. इसके बाद उसकी काउंसलिंग की और उसे मोटिवेट किया. इस काउंसलिंग के दौरान छात्र ने बताया कि वह आत्मघाती कदम उठाने वाला था. इसी तरह से एक और कॉल आई थी, जिसमें जवाहर नगर थाने की मदद लेकर ही छात्र को बचाया गया था.
रोजाना स्टूडेंट के बीच जाती है टीम- एडिशन एसपी
एडिशनल एसपी ठाकुर चन्द्रशील ने बताया कि हम स्टूडेंट में विश्वास पैदा कर रहे हैं, स्टूडेंट को लगना चाहिए की यही सही है. स्टूडेंट हेल्प डेस्क की टीम शहर के कोचिंग एरिया में रोज जाती हैं और घंटों तक वहीं रहती हैं. वहां वह छात्र-छात्राओं से बातचीत करते हैं, उनके हॉस्टल और कोचिंग के बाहर भी उनसे चर्चा की जाती है. उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी जुटाई जाती है. हॉस्टल और मेस का निरीक्षण भी किया जाता है. पहले छात्रों से बात करने की कोशिश की जाती है. जब वो सहज हो जाते हैं, तब वह अपनी समस्याओं को भी बताने लगते हैं. उनके साथ रहने वाले दूसरे छात्रों के साथ हुई घटनाओं का भी जिक्र करते हैं. उसके बाद समस्याओं को अधिकारी लेवल पर डिस्कस करने के बाद स्टूडेंट की समस्या का समाधान करते हैं, परिवार को विश्वास में लेते हैं.
पुलिस हेल्प डेस्क इन मामलों को भी कर रहा है हल
हेल्प डेस्क बच्चों की हर समस्या को सुलझाने का प्रयास कर रही है, उनकी व्यक्तिगत प्रॉब्लम हो या कोचिंग की, फीस हो, पढ़ाई का दबाव हो या पारिवारिक समस्या हो सभी का समाधान किया जा रहा है. हॉस्टल और पीजी के किराया का विवाद, सिक्योरिटी डिपॉजिट, कोचिंग फीस वापस नहीं लौटाना भी इसमें शामिल हैं. इसके अलावा छात्र-छात्राओं के बीच छोटे-मोटे झगड़े और मारपीट, सामान की चोरी, गर्ल्स को अनवेलकम कॉल्स, ऑटो किराया, सोशल मीडिया पर गलत कमेंट या अश्लील फोटो डाल देना या कोचिंग छात्रा का पीछा करना शामिल है.
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