Kota News: कोटा (Kota) शहर छात्रों का शहर है. यहां देश विदेश से दो-ढाई लाख छात्र पढ़ने आते हैं और अपना कॅरियर बनाते हैं. उनकी समस्याओं का शीघ्र ही निदान हो इसके लिए भी कई तरह से प्रयास पुलिस और प्रशासन की ओर से किए जाते हैं. इसी कड़ी में इस बार कोटा शहर पुलिस ने एक सराहनीय पहल की है, जिसमें यहां हो रहे सुसाइड को रोकने का प्रयास किया जाएगा. इसके लिए पुलिस और कोचिंग संचालकों के बीच समन्वय स्थापित किया जाएगा. साथ ही छात्रों की काउंसलिंग की जाएगी.  


दरअसल कोटा में  एक-एक बच्चे की देखभाल कर सके, इसके लिए पुलिस की ओर से स्टूडेंट सेल की शुरूआत की गई है.  अभय कमांड सेंटर पर संचालित होने वाली इस सेल का एडीजी आलोक कुमार वशिष्ठ ने शुभारंभ किया. एडीजी आलोक वरिशष्ठ ने बताया कि इस स्टूडेंट सेल के माध्यम से जो कार्य पुलिस द्वारा किए जानें हैं, उन्हें प्राथमिकता से किया जाएगा और सम्बंधित थाने को भी सूचना दी जाएगी. साथ ही स्टूडेंट सेल वापस इन मामलों का फॉलोअप भी करेगी.


इस तरह से काम करेगी स्टूडेंट सेल
एडीजी ने बताया कि स्टूडेंट सेल 24 घंटे सातों दिन 8-8 घंटे की शिफ्ट में काम करेगी. इस टीम का एक हेल्पलाइन नम्बर 9530442778 है. इस पर छात्र-छात्राएं किसी भी समय अपनी शिकायतों/समस्याओं को बता सकतें हैं. इस हेल्पलाइन नंबर पर आने वाली प्रत्येक सूचना से प्रभारी स्टूडेंट सेल को अवगत करवाया जाएगा, जो विवेकानुसार प्राप्त शिकायतों का समाधान करेंगे. इन शिकायतों को गोपनीय भी रखा जाएगा. 


ठाकुर चन्द्रशील होंगे इस सेल के प्रभारी
उन्होंने बताया कि हेल्पलाइन पर प्राप्त होने वाली आपराधिक और अन्य शिकायतों को स्टूडेंट सेल टीम द्वारा संबंधित थानाधिकारी को अविलम्ब प्रेषित किया जाएगा और प्राथमिकता के आधार पर शिकायत का निस्तारण करवाया जाएगा. इतना ही नहीं शिकायत पर की गई कार्यवाई की पालना रिपोर्ट से प्रभारी अधिकारी को भी अवगत करवाया जाएगा. इस सेल के प्रभारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभय कमांड सेंटर और कंट्रोल ठाकुर चन्द्रशील होंगे. इन्हीं के प्रयास से यह शुरू की गई है.


हॉस्टल, पीजी और कोचिंग जाएंगे स्टूडेंट सेल के अधिकारी
एडीजी ने बताया कि ये राजस्थान की एक मात्र पुलिस द्वारा संचालित स्टूडेंट्स की सेल होगी. ठाकुर चन्द्रशील इससे पहले भी कोटा में रहते हुए महिलाओं की सुरक्षा और उनके मोटिवेशन के साथ ही उनकी आत्मरक्षा के लिए भी काम कर चुके हैं, जो प्रदेश में काफी प्रचलित रहा. इसे देश में भी कई हिस्सों में अपनाया गया. स्टूडेंट सेल के  अधिकारी कर्मचारी अब सीधे हॉस्टल, पीजी और कोचिंग में जाएंगे. ये अधिकारी छात्रों से बात करेंगे और उनकी समस्याओं को जानेंगे और उनके समाधान का प्रयास करेंगे. सभी कोचिंग संस्थानों से सेल प्रभारी और उनकी टीम समय-समय पर समन्वय स्थापित कर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे.


सोशल मीडिया द्वारा स्टूडेंट सेल का व्यापक प्रचार-प्रसार
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया द्वारा स्टूडेंट सेल का व्यापक प्रचार-प्रसार करवाया जाएगा. साथ ही इसका प्रभावी इस्तेमाल कर छात्र-छात्राओं, कोचिंग संस्थानों और हॉस्टलों से समन्वय स्थापित किया जाएगा. प्रत्येक कोचिंग सेन्टर, हॉस्टल, मेस, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और अन्य स्थानों पर जहां छात्र-छात्राओं का अधिक आवागमन होता है, वहां स्टूडेंट सेल के मोबाइल नम्बर का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करवाया जाएगा. यही नहीं स्टूडेंट सेल टीम के सदस्यों के चयन में उन अधिकारी और पुलिसकर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनकी संवाद शैली सरल और सहज हो. 


कराई जाएगी अवसाद ग्रस्त स्टूडेंट्स की काउंसलिंग
एडीजी ने बताया कि स्टूडेंट सेल टीम ऐसे स्टूडेंट को चिन्हित करेगी, जो अवसाद ग्रस्त हैं. इसके बाद हॉस्टल जाकर अवसाद ग्रस्त के शिकार और पढाई से विमुख हो रहे कोचिंग स्टूडेंट्स की काउंसलिंग कोचिंग और हॉस्टल संचालकों की मदद से करवाई जाएगी और उनके माता-पिता को भी अवगत कराया जाएगा, ताकि अपराध या किसी दुर्घटना को रोका जा सके. स्टूडेंट्स के भ्रमण के दौरान, हॉस्टल की व्यवस्था और वहां पर छात्र-छात्राओं के कल्याण के लिए क्या व्यवस्था की गई है, इसकी भी समीक्षा की जाएगी.


उन्होंने बताया कि साथ ही हॉस्टल मालिक और प्रबंधक छात्र-छात्राओं के परिजनों से निरन्तर सम्पर्क में है या नहीं. स्टूडेंट्स पर उनकी निगरानी है या नहीं. यहां तक की छात्र-छात्राओं द्वारा हॉस्टल में क्या गतिविधियां की जा रही हैं, इन सभी बातों पर भी स्टूडेंट सेल टीम द्वारा निगरानी रखी जाएगी.  


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