Rajasthan Election 2023: आगामी विधानसभा चुनाव शांति पूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कराया जा सके इसके लिए कोटा पुलिस फरार और वारंटियों को ढूंढ-ढूंढ कर निकाल रही है. कभी पुलिस ठेले वाले के वेश में नजर आ रही है, तो कभी दूध बेचकर अपराधियों पर नजर रख रही है और उन्हें दबोच रही है. हाल ही में कोटा पुलिस ने करीब दो दर्जन अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया. इसमें कई अपराधी तो ऐसे थे जो कोटा छोड़ चुके थे और कहीं नाम बदलकर रह रहे थे.


शहर पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि, उद्योगनगर थाना पुलिस ने चोरी के मामले में विगत 32 वर्षों से फरार 20 हजार के ईनामी अपराधी को गिरफ्तार किया है. उद्योगनगर थाना प्रभारी अनिल जोशी के नेतृत्व में गठित टीमों द्वारा न्यायालय से काफी वर्षों से फरार उद्घोषित अपराधी ओमप्रकाश उर्फ शम्भुदयाल पुत्र बजरंग लाल को गिरफ्तार किया. आरोपी जब कोटा से किसी महिला और चोरी के सोने चांदी और पैसे लेकर फारार हुआ था तब उसकी उम्र 30 वर्ष थी.


वहीं, अब वह 62 साल की उम्र में पुलिस की गिरफ्त में आया है. इसके लिए एक कांस्टेबल ने पांच दिन तक कभी दूध वाले का तो कभी ठेला लगाने वाले का वेश धारण किया और झुग्गी छोपड़ियों की खाक छानी, तब जाकर ये आरोपी पकड़ में आया.


पुलिस बनी मजदूर और ठेकेदार  
एसपी शरद चौधरी ने बताया कि आरोपी के खिलाप प्रार्थी नन्द बिहारी पुत्र गोपाल लाल निवासी सूर्यनगर की पत्नी नन्द कंवर बेटे लीलाधर, राजेश, वीरेन्द्र व घर से सोने का हार, दो कान की टोकरी, व 15 हजार रुपए लेकर फरार हो गया था. साथ ही वह एक महिला को भगा ले गया था. फरार अपराधी की गिरफ्तारी पर 20 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया गया था.


पुलिस टीम उदघोषित अपराधी ओमप्रकाश उर्फ शम्भुदयाल की तलाश के लिए थाने से अपराधी के मूल गांव पहुंची, जहां पर लोगों ने बताया कि उक्त अपराधी 30 साल से गांव में नहीं आया. टीम की मुखबिर एवं संकलित सूचना के आधार पर अपराधी के जयपुर में होने की सूचना मिली.


पुलिस ने बेचे गोलगप्पे 
पुलिस टीम ने लगातार दुधियों एवं मजदूरों के वेश में झुग्गी झोपड़ियों में रह कर गुजर बसर की. वहीं कई बार गोलगप्पे भी बेचे. कांस्टेबल रामप्रकाश ने लगातार 5 दिन तक पुचके की रेहड़ी लगाकर अपराधी के बारे में सूचना एकत्रित कर अपराधी को ट्रेस किया. इसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया. वहीं कांस्टेबल राम प्रकाश के साथ ही कांस्टेबल राम किशोर, कांस्टेबल महावीर ने मजदूर व ठेकेदार बन कर काम के बहाने ओम प्रकाश को चिन्हित किया जो अपना नाम असली बदलकर शम्भू दयाल बन कर रह रहा था.


उसने अपनी आईडी भी जयपुर की ही बनवा ली थी. बता दें कि, आरोपी इतना शातिर है कि, अपराध के बाद से किसी भी रिश्तेदार के संपर्क में नहीं आया. साथ ही अपनी पुश्तैनी जमीन को पिछले 32 वर्षों से देखने भी नहीं गया. पुलिस टीम ने प्रयास करके 32 साल से फरार आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की.



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