Rajasthan News: पश्चिम मध्य रेलवे का दिल्ली मुंबई रेलवे रैक सबसे बेहतरीन रैक में से एक माना जाता है. साथ ही यहां अधिकतर नए-नए प्रयोग भी किए जाते हैं. ट्रेनों की गति बढ़ाई जा रही है. सुरक्षा प्रणाली को विकसित किया जा रहा है. इसके साथ ही यात्री की हर सुविधा को ध्यान में रखते हुए काम किया जा रहा है. वंदे भारत ट्रेन से लेकर राजधानी और बड़ी गाड़ियों का यह ट्रैक अपनी अलग पहचान रखता है. यहां कई बड़ी गाड़ियों के लिए गति परीक्षण का काम भी किया जा चुका है. इस बार रेलवे ने यहां डबल डेकर का ट्रायल किया है.
अनुसंधान अभिकल्प मानक संगठन, लखनऊ टीम मंडल के परिचालन विभाग के सहयोग से12 जुलाई से डबल डेकर रैक का ट्रायल कर रही है. यह ट्रायल डबल डेकर रैक के विभिन्न तकनीकी मानकों के विश्लेषण के लिए किया जा रहा है. जिसमें एयर सस्पेंशन, ब्रेकिंग सिस्टम, घुमाव ट्रैक पर गति इत्यादि का परीक्षण शामिल है. डबल डेकर रैक का ट्रायल 12 जुलाई से 14 जुलाई के बीच 120 से 180 किलोमीटर/घंटा की गति से नागदा-शामगढ़ खण्ड पर डाउन लाइन पर किया गया.
120 से 180 की स्पीड से किया जा रहा ट्रायल
15 जुलाई को इस रैक का ट्रायल कोटा-लबान खंड पर गुडला से लबान के मध्य 180 किमी प्रति घंटा की गति से किया गया. जबकि 16 और 17 जुलाई को एयर सस्पेंशन स्प्रिंग को पंचर अवस्था में 60 से 105 किमी/घंटा की गति से नागदा-शामगढ़ खंड पर ट्रायल किया गया. 21 और 22 जुलाई को 120 से 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से नागदा-शामगढ़ पर सफल ट्रायल डबल डेकर रैक का किया गया, जिसमें रोहलखुर्द-लूनी और दरा-अलनिया के बीच अधिकतम 180 किमी प्रति घंटा की गति से ट्रायल का किया गया.
डबल डेकर रैक का ट्रायल आरडीएसओ के संयुक्त निर्देशक परीक्षण बीएम सिद्दीकी के निर्देशन में किया जा रहा है. इस ट्रायल के ट्रैफिक निरीक्षक अरविंद पाठक, सुशील जेठवानी और लोको निरिक्षक आरएन मीना ने लखनऊ टीम के साथ को-आर्डिनेट किया. गुडला से लाखेरी खंड पर 23 जुलाई को 160-180 किमी/घंटा से डबल डेकर का परीक्षण किया जाएगा.
यह भी पढ़ें: इस विधायक को मंच पर खुद जूते पहनाने पहुंचे राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा, जानें पूरा मामला