Kota News Today: कोटा का रेलवे वर्कशॉप अपने कई नवाचारों और कार्य कुशलता के लिए जाना जाता है. यहां पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया किए जा रहे हैं. सबसे खास बात यह है कि सौर उर्जा के माध्यम से आधे से अधिक वर्कशॉप को चलाया जा रहा है. 


इसके अलावा इस रेलवे वर्कशॉप ने अपनी कार्यकुशलता के चलते कई अवार्ड जीते हैं. एक बार फिर रेलवे का मुख्य कारखाना वर्कशॉप ने नया कीर्तिमान बनाया है. वर्कशॉप में एक महीने में रिकॉर्ड वैगनों की मरम्मत की गई है.


मई में रिकॉर्ड 662 वैगनों की मरम्मत
मुख्य कारखाना प्रबंधक सुधीर सरवरिया के नेतृत्व में वर्कशॉप के अधिकारी और कर्मचारियों ने वित्तीय वर्ष 2024-2025 के मई माह में 662 वैगनों (माल गाड़ी के डिब्बों) की मरम्मत कर अब तक का सर्वाधिक रिकॉर्ड बनाया. माल डिब्बा मरम्मत कारखाना कोटा की स्थापना 1960 को हुई थी. 


661 वैगनों का पीओएच का रिकॉर्ड सितंबर 2021 में रहा है. जिस रिकॉर्ड को तोड़कर कोटा वर्कशॉप ने मई 2024 में 662 वैगनों के मरम्मत का सर्वाधिक रिकॉर्ड बनाया है. रेलवे बोर्ड द्वारा वर्तमान में वैगनों की मरम्मत का निर्धारित लक्ष्य प्रति माह 560 का है. जिसे आसानी से पूरा किया जा रहा है.


4 से 6 साल में एक बार होती है पीओएच 
माल डिब्बा मरम्मत कारखाना कोटा में रेलवे बोर्ड के निर्धारित लक्ष्य से अधिक वैगनों का पीओएच (पीरियोडिक ओवर हॉलिंग) आउटटर्न दिया जा रहा है. इस वित्तीय वर्ष के मई माह में वैगनों का पीओएच अब तक का सर्वाधिक रिकार्ड है. वैगनों का पीओएच (पिरियोडीक ओवर हॉलिंग) 4 से 6 साल में एक बार किया जाता है.


 ट्रेन डिब्बों की कैसे होती है मरम्मत?
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय ने बताया कि वैगनों के नीचे ट्रॉली, बोगी के सभी पार्ट्स की मरम्मत की जाती है, जो सुरक्षा की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है. वैगन के बॉडी और ब्रेक गियर की भी मरम्मत की जाती है, जिससे परिचालन में सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. 


एयर ब्रेक सिस्टम के सभी पार्ट और वैगनों के दोनों ओर के सेंटर बफर की मरम्मत की जाती है, जिससे सुरक्षा में बढ़ोत्तरी होती है. इसके साथ ही व्हील और एक्सल की मरम्मत और रखरखाव किया जाता है, जिससे सुरक्षा में इजाफा होता है.


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