Kota News: कोटा के किसान इस तारीख तक करा सकते हैं फसलों का बीमा, जानिए- क्या हैं नियम और किन किसानों को मिलेगा लाभ
Kota News: किसान का दोहरा बीमा पाए जाने की स्थिति में संबंधित बीमा कंपनी को यह अधिकार होगा कि वह ऐसे किसानों का बीमा एक ही बैंक के लिए स्वीकार कर नियम के अनुसार बीमा क्लेम तय करेंगे.
Rajasthan News: किसानों पर हमेशा ही मौसम की मार रहती है, ऐसे में जब फसल अच्छी होती है तो कई बार अतिवृष्टि, बाढ़, ओलावृष्टि से फसलें तबाह हो जाती हैं. फसल के नुकसान की भरपाई के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister fasal bima yojana) किसानों को संबल प्रदान करती है. ऐसे में एक बार फिर कृषि विभाग (Agriculture Department) द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन जिले के सभी तहसील और पटवार मण्डल में किया जाना है. रबी फसल के लिए जिले को बजाज एलायंज जनरल इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड आवंटित किया गया है. उप निदेशक कृषि विस्तार खेमराज शर्मा ने बताया कि योजना (Prime Minister crop insurance scheme) के तहत जिले में अधिसूचित फसलें धनिया, चना, मेथी, सरसों और गेहूं हैं. आवेदन की अन्तिम तिथि 31 दिसम्बर है, टोल फ्री नम्बर 18002095959 है.
शामिल किए जाने वाले किसान
उप निदेशक कृषि विस्तार ने बताया कि, योजना के अन्तर्गत रबी फसल में फसली ऋण लेने वाले किसान, गैर ऋणी किसान और बटाईदार किसानों द्वारा फसलों का बीमा कराया जा सकेगा. किसान जिस जिले में रहता है उसी जिले की परिधि क्षेत्र में बंटाई की भूमि ही मान्य होगी. उन्होंने बताया कि अधिसूचित इकाई क्षेत्र और अधिसूचित फसल के लिए जिन ऋणी किसानों को किसी वित्तीय संस्थान सहकारी बैंक, सहकारी समिति, क्षैत्रिय ग्रामीण बैंक, व्यावसायिक बैंक और भूमि विकास बैंक द्वारा फसल ऋण की सीमा अनुमोदित की गई हो तथा ऋण वितरित किया गया हो एवं सहकारी बैंक, सहकारी समिति द्वारा खरीफ के लिये 31 दिसम्बर तक फसल ऋण की सीमा स्वीकृत की गई हो अथवा ऋण वितरण किया गया हो वे योजना शामिल किए जाएंगे.
फसल बीमा स्वैच्छिक
उप निदेशक ने बताया कि किसानों द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फसल बीमा करवाया जाना पूरी तरह स्वैच्छिक है लेकिन ऋणी किसानों को योजना से अलग रहने के लिये नामांकन की अन्तिम तिथि से 7 दिन पहले रबी के लिए 24 दिसम्बर तक सम्बन्धित वित्तीय संस्था में घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा, अन्यथा उनको योजना में सम्मिलित माना जाएगा. उन्होंने बताया कि ऋणी किसानों का प्रीमियम उनके ऋण खातों से वसूल किया जाएगा. सम्बन्धित बैंक, संस्था फसल बीमा प्रीमियम की कटौती करने से पहले किसान से इस आशय का प्रमाण-पत्र लेना सुनिश्चित करेंगे कि उसने इस भूमि पर बोई गई फसल का बीमा किसी अन्य बैंक, संस्था के माध्यम से नहीं कराया है. किसान का दोहरा बीमा पाये जाने की स्थिति में सम्बन्धित बीमा कम्पनी को यह अधिकार होगा कि वे ऐसे किसानों का बीमा एक ही बैंक के लिए स्वीकार कर नियमानुसार बीमा क्लेम का निर्धारण करेंगे. सम्बन्धित बैंक इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे कि किसान से दोहरा बीमा नहीं होने के सम्बन्ध में शपथ पत्र प्राप्त कर लिया गया है.
गैर ऋणी किसानों के लिए
उप निदेशक कृषि विस्तार ने बताया कि, गैर ऋणी किसान अपनी फसलों का बीमा नामांकन की अन्तिम तिथि 31 दिसम्बर तक निकट के केन्द्रीय सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, वाणिज्यिक बैंक की शाखाओं और सीएससी के माध्यम से करा सकेंगे.
बटाईदार किसानों के लिए
बटाईदार किसान सम्बन्धित खातेदार से लिखित में यह शपथ पत्र प्राप्त कर प्रस्तुत करेगा कि खातेदार के द्वारा जमीन बटाई पर दी गई है, जिसमें सम्बन्धित कृषि भूमि का विवरण शामिल है. साथ ही साथ बटाईदार किसान खुद का राजस्थान का मूल निवास प्रमाण-पत्र की प्रति प्रस्तुत करेगा.
बीमित फसल के नाम में परिवर्तन
प्रधानमंत्री फसल बीमा की परिचालन मार्गदर्शिका खरीफ 2020 से लागू प्रावधान के अनुसार समस्त नामांकित किसान नामांकन की अंतिम तिथि से दो दिन पहले यानि 29 दिसम्बर तक बीमित फसल के नाम में परिर्वतन करवा सकते हैं.
इन परिस्थितियों में बीमा क्लेम
प्रधानमंत्री फसल बीमा की परिचालन मार्गदर्शिका के अनुसार फसल बुवाई से लेकर कटाई तक सूखा, अतिवृष्टि, बिजली गिरने से लगी आग और कीट-व्याधि प्रकोप सहित नुकसान जिसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता, उसका पटवार मण्डल में 4 और तहसील क्षेत्र में न्यूनतम 16 फसल कटाई प्रयोग से ज्ञात उत्पादन को गारन्टी उपज में से नुकसान का आंकलन कर बीमित राशि के अनुसार क्लेम निर्धारित किया जाएगा.