(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Kota News: यूआईटी में भूखंड आवंटन को लेकर पूर्व विधायक का बड़ा आरोप, ACB से शिकायत कर की ये मांग
Kota News: पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने कहा, 30 भूखंडों में 20-25 पर 2 परिवारों का कब्जा हो गया, जिनकी बाजार दर 6000 रुपये है वे 3,800 रुपये प्रति वर्ग फीट में दो परिवारों को दे दिए गए.
Rajasthan News: कोटा उत्तर से पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने पुलिस महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) जयपुर (Jaipur) को पत्र लिखकर यूआईटी द्वारा आवासीय व व्यवसायिक भूखंडों की नियम विरुद्ध लॉटरी निकालने वाले दोषी अधिकारियों कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज करने व लॉटरी आवंटन निरस्त करने की मांग की है. गुंजल ने पत्र में लिखा है कि यूआईटी में व्यवसायिक भूखंडों की फिक्स दाम की लॉटरी में राज्य सरकार (Government of Rajasthan) के द्वारा आरक्षित राजकीय कर्मचारियों 10 प्रतिशत, भूतपूर्व सैनिकों 10 प्रतिशत, पत्रकारों 2 प्रतिशत, दिव्यांगों 5 प्रतिशत, निराश्रित व भूमिहीन एकल महिला को 10 प्रतिशत, ट्रांसजेंडर 2 प्रतिशत को भूखंड आवंटन में आरक्षण नहीं दिया गया.
सरकार पहुंचा रही धनी लोगों को फायदा-पूर्व विधायक
कोटा की सात आवासीय योजनाओं आरके पुरम बी, श्रीनाथपुरम बी व डी, स्वामी विवेकानंद नगर, रानी लक्ष्मीबाई, विनोबा भावे नगर, सुभाष नगर, अनंतपुरा की फिक्स दाम लॉटरी में चुनिंदा धनाढ्य व्यक्तियों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों में नियम विरुद्ध जाकर लाभ पहुंचाया गया है. गुंजल ने लिखा कि यूआईटी कोटा के अभी तक के इतिहास में फिक्स दाम की लाटरी हमेशा भूमिहीनों या जिन व्यक्तियों के पास स्वयं का मकान भूखंड नहीं हो को ध्यान में रखकर निकाली जाती रही है, लेकिन इस बार शर्त को दरकिनार कर चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों में शिथिलता दी गई है.
30 भूखंड में 25 पर 2 परिवारों का कब्जा-पूर्व विधायक
पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने कहा कि भ्रष्टाचार के इस खेल का पता लॉटरी खुलने के बाद लगा जब बड़े नाप के कुल 30 भूखंडों में से लगभग 20 से 25 भूखंडों पर मात्र 2 परिवारों का कब्जा हो गया, जिन भूखंडों की बाजार दर लगभग छ: हजार प्रति वर्ग फीट है, उन्हें फिक्स दाम 3,800 रुपये प्रति वर्ग फीट में दो परिवारों को दे दिए गए हैं.
निरस्त कर दोषी अधिकारियों पर हो कार्यवाही-पूर्व विधायक
गुंजल ने पुलिस महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर से मांग की है कि जहां व्यवसायिक भूखंडों में आरक्षित वर्गों को दरकिनार कर नियम विरुद्ध लाटरी निकाली गयी है वहीं आवासीय भूखंडों में पूर्व की शर्तों को नजरअंदाज कर दो परिवारों में आवंटन करने में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर यूआईटी के दोषी अधिकारियों कर्मचारियों पर षडयंत्र पूर्वक राजकीय भूमि खुर्द बुर्द करने का मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाए और उक्त भूखंडों का आवंटन भी निरस्त किया जाये.
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