Rajasthan News: राजस्थान कांग्रेस के टॉप नेताओं की लिस्ट में शांति धारीवाल (Congress leader Shanti Dhariwal) का नाम सबसे ऊपर है, लेकिन जहां काम के मामले में ये नम्बर वन कहलाते हैं तो विवादों से भी इनका नाता पुराना हैं, ये अपने विवादित बयानों के लिए भी नम्बर वन ही रहते हैं. महिलाओं पर विवादित बयान की बात हो या अपनी ही सरकार के नेताओं को आड़े हाथों लेना हो धारीवाल हमेशा सुर्खियों में रहते हैं.


वर्ष 2022 निकल गया और वर्ष 2023 शुरू हो चुका है. वर्ष 2022 में कई मामलों में धारीवाल सुर्खियों में रहे. कोटा ही नहीं पूरे राजस्थान में धारीवाल की शैली किसी से छुपी नहीं हैं, कैसा भी काम हो धारीवाल के हाथ में आते ही पूरा हो जाता है. कई बार इस कारण से वे विवादों में भी आ जाते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) के सबसे करीबी होने के कारण उनका कुछ बिगड़ता भी नहीं हैं.


पायलट को नहीं बनने दिया सीएम
जब अशोक गहलोत को सीएम पद से हटाए जाने और सचिन पायलट (Sachin Pilot) को सीएम बनाए जाने की चर्चा शुरू हुई तो धारीवाल को आगे किया गया और उन्होंने राजनीति की बिसात पर ऐसे मोहरे बिछाए कि सभी चारो खाने चित हो गए. उन्होंने गहलोत को सीएम भी बनाए रखा और राष्ट्रीय अध्यक्ष भी नहीं बनने दिया. कांग्रेस के कई विधायक इनके आवास पर बुलाए गए और वहां से इस्तीफे देने का दौर चला जो अभी तक कोर्ट में विचाराधीन हैं. यह सब कुछ धारीवाल के कहने पर हुआ. इसके लिए आला कमान ने कार्रवाई की कोशिश तो की, लेकिन कुछ नहीं कर पाई और मामला आज भी ठंडे बस्ते में हैं. 


धारीवाल ने यहां तक कहा कि गद्दारी करने वालों को पुरस्कार दिया जाए, ये यहां का विधायक कभी बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने बिना नाम लिए सचिन पायलट पर निशाना साधा था. इसके अलावा उन्होंने  कांग्रेस महासचिव अजय माकन पर भी हमला बोला था. उन्होंने आरोप लगाया कि अशोक गहलोत को सीएम पद से हटाने की साजिश हुई. मंत्री ने कहा कि खुद इंचार्ज ही ऐसे लोगों को यहां का सीएम बनाने का मिशन लेकर आए हैं तो निश्चित तौर पर लोगों की भावनाएं भड़कनी थीं. उन्होंने कहा था कि पायलट ने सरकार गिराने की कोशिश की थी, ऐसे में उन्हें सीएम कैसे बनने दिया जा सकता है.
 
राजस्थान को मर्दों का प्रदेश कहा
शांति धारीवाल अपने विवादित बोल के कारण कई बार संकट में फंस जाते हैं. वे महिलाओं पर भी वर्ष 2022 में विधानसभा में ऐसा बोल गए कि बाद में प्रदेश की महिलाओं में आक्रोश व्याप्त हो गया. संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने राजस्थान विधानसभा में रेप के आंकड़े बताते हुए कहा कि ये सच है कि राजस्थान रेप के मामलों में नंबर वन है. कुछ देर चुप रहकर उन्होंने कहा था कि अब ये रेप  के मामले क्यों हैं? फिर हंसते हुए कहा- वैसे भी यह राजस्थान तो मर्दों का प्रदेश रहा है यार, उसका क्या करें. यह कहकर धारीवाल फिर हंसे तो उनका साथ दूसरे विधायक और मंत्रियों ने भी दिया और विधानसभा में ठहाके गूंज गए. 


यह विवाद बढ़ने पर माफी मांगने की बात कही. उन्होंने कहा कि जुबान फिसलने के कारण ऐसा हुआ, मैं महिलाओं का हमेशा सम्मान करता हूं. उनको अपमानित करने की मेरी मंशा नहीं थी. इस विवादित बयान के बाद कोटा में प्रदेश की सबसे बड़ी रैली कोटा उत्तर के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल द्वारा निकाली गई, जिसे रणचंडी मार्च का नाम दिया गया, जिसमें केसरिया साफा बांधे हजारों महिलाएं शामिल हुईं.


इस बयान से भी रहे विवादों में
विवादों से धारीवाल का नाता यहीं खत्म नहीं होता. एक बार तो उन्होंने ब्राह्मणों पर विवादित बयान दे डाला था. धारीवाल ने अलवर में कहा कि मैं ब्राह्मणों से कहता हूं कि तुमने बुद्धि का ठेका ले रखा है क्या. मेरे कोटा के कोचिंग संस्थान पूरे देश में प्रसिद्ध है. 100 में से 70-80 बनिया परिणाम में कैसे आते हैं. तुम लोग कैसे पीछे रह जाते हो. कभी भी देख लो जब कोटा के कोचिंग संस्थान का रिजल्ट आएगा, जिंदल मिलेगा, जैन मिलेगा या अग्रवाल मिलेगा. आपको ऐसे नाम मिलेंगे.


धारीवाल के इस बयान से राजनीतिक विवाद बढ़ता चला गया और उन्हें अंत में माफी मांगनी पड़ी. इसके अलावा, पूर्व में मंत्री रहे जब गोपालगढ कांड, आला कमान पर ही निशाना साध दिया, यहां तक कह दिया राजस्थान में अशोक गहलोत ही कांग्रेस और कांग्रेस ही अशोक गहलोत है. धारीवाल विवादों के साथ काम की शैली के लिए भी पहचाने जाते हैं. हजारों करोड़ रुपये के काम से उन्होंने कोटा की तस्वीर बदल दी. 


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