Rajasthan News: समाज कितना ही आधुनिक हो जाए, पाश्चात्य सभ्यता का रंग अपने स्टेटस सिंबल को कितना ही बताता हो, बोली में अंग्रेजी की झलक गुरूर का ऐहसास करती हो लेकिन आज भी लोक, कला, संस्कृति, धार्मिक उदारता हमारे जेहन में बसी पडी है. जब भी किसी भजन कीर्तन की आवाज आती है तो मन में निर्मलता का प्राकट्य होता है. वैसे ही इन दिनों गरबा (Garba Dance) लोगों के सिर चढकर बोल रहा है, जिसमें एक ओर पारम्परिक वेशभूषा है तो कहीं प्रादेशिक परिधान हावी हो रहे हैं. कोई गुजराती (Gujarati) तो कोई राजस्थानी (Rajasthani) रंग में रंगा नजर आ रहा है. एक आयोजन में कोटा (Kota) दक्षिण विधायक संदीप शर्मा भी सांकेतिक रूप में डांडिया खड़काते नजर आए.
डीजे पर हो रहा धमाल
गुजराती और राजस्थानी ट्रेडिशनल पोशाक डीजे पर बजते राजस्थानी और बॉलीवुड फ्यूजन म्यूजिक और डांडिया खड़काते लोग ऐसा नजारा कोटा में हर तरफ देखने को मिल रहा है. ये ही नहीं छोटे समाज और संस्थाएं भी गरबा नृत्य में कई प्रतियोगिताएं आयोजित कर रही हैं. इन आयोजन में युवाओं का जोश थमने का नाम नहीं ले रहा है. रात को हजारों लोग गरबा महोत्सव में थिरक रहे हैं.
झूमते नजर आए लोग
डीजे पर पंखिड़ा ओ पंखिड़ा, उड़ी उड़ी जाए, ओढ़नी ओढू चुनरी उड़ी उड़ी जाए जैसे गरबा और डांडिया के रीमिक्स गीतों पर जब लोगों ने डांडिया खड़काना शुरू किया तो देर रात तक लोग मस्ती में झूमते नजर आए. कई कपल गुजराती ट्रैडीशनल पोशाक में पहुंचे तो किसी ने हाडोती की धरती पर गुजराती सांस्कृति का परचम लहराया. गरबा महोत्सव में विभिन्न राउंड आयोजित किए गए जिनमें पुरस्कार भी दिए गए. कलाल समाज, सिंधु सोश्यल सर्विस, गुजराती समाज, सिंधी समाज, ब्राह्मण समाज सहित कई संस्थाओं की ओर से भी गरबा महोत्सव का आयोजन किया गया.