राजस्थान (Rajasthan) सरकार में चिकित्सा एवं आबकारी मंत्री परसादी लाल मीणा (Parsadi Lal Meena) ने सर्किट हाउस में कोरोना समेत अन्य मुद्दों पर बात की. इस दौरान उन्होंने लोगों की समस्याओं को भी सुना और अधिकारियों को निर्देशित किया. वहीं कई लोगों ने उन्हें ही खरी-खरी सुना दी. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने खनन विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार में अपने ही मंत्री को दोषी करार दिया. उन्होंने कहा कि खनन मंत्री के इशारे पर भ्रष्टाचार का खेल हो रहा है तो जीरो टॉलरेंस की नीति की सरकार की मंशा कैसे पूरी होगी. मंत्री ने अलवर में मंदिर के मामले पर भी प्रतिक्रिया दी.


मंदिर तोड़े जाने पर क्या कहा
अलवर के राजगढ़ में मंदिर तोड़ने के मामले पर मंत्री ने कहा कि सारा किया धरा बीजेपी बोर्ड का है. बीजेपी का अध्यक्ष है. उसने जानबूझकर गलती की. उसको सजा मिलेगी और कांग्रेस वापस इसका पुनर्निर्माण करवाएगी. मंत्री ने कहा की डॉ अर्चना शर्मा सुसाइड मामले पर कोई बीजेपी नेता नहीं बोलते. 


अवैध शराब के मुद्दे पर बोले मंत्री
वहीं कुछ लोगों ने अधिकारियों पर अवैध शराब की दुकाने, ब्रांच और उनसे पैसा वसूली का भी आरोप लगाया. इस पर मंत्री ने सुनीता डागा से सवाल जवाब किए गए. पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा ने भी उन्हें आड़े हाथों लिया और कहा कि हर जगह लोग एक लाइसेंस पर कई दुकानें खोलकर बैठे हैं. 


बीजेपी का बैलेंस खराब-मंत्री
सीएम की इफ्तार पार्टी में छबड़ा के आरोपी के शामिल होने की बात का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि बजट आने के बाद बीजेपी चारों खाने चित हो गई है. अब वो अनहोनी बातें करने लगी है. उनका बैलेंस खराब हो गया है. उन्होंने कहा कि अपराधी कोई भी हो निश्चित रूप से कानून अपना काम करेगा. उसको सजा मिलेगी. जब तक कोर्ट उसपर आरोप सिद्ध नहीं कर दें तब तक उसको अपराधी नहीं कह सकते. 


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कोरोना पर क्या कहा
कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि कोरोना को लेकर प्रदेश में स्थिति कंट्रोल में है. प्रदेश में बेहतर वैक्सीनेशन की वजह से तीसरी लहर में असर नहीं हुआ. दूसरे राज्यों के बढ़ रहे कोरोना के मुकाबले प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है. बाहर से आने वाले लोगों पर निगाह रखने के निर्देश दिए है. कोविड स्वास्थ्य सहायकों के आंदोलन पर मंत्री ने कहा कि उनको आंदोलन करने की बजाय मुख्यमंत्री पर भरोसा रखना चाहिए. वे कोई ना कोई अच्छा फैसला करेंगे.


कोटा में बिजली गुल होने के बाद मरीज की मौत पर
नए अस्पताल में बिजली गुल होने के मामले पर मंत्री परसादी लाल ने कहा कि अस्पताल में केबल जली थी, बिजली गुल होना अलग बात है. केबल फाल्ट होने से महिला की मौत नहीं हुई. महिला की मौत गंभीर बीमारी के कारण हुई है. अस्पताल प्रशासन ने बताया कि मरीज पहले ही गंभीर हालत में आई थी. उस समय महिला मरीज के साथ हॉस्पिटल में और भी मरीज भर्ती थे, किसी मरीज को कोई तकलीफ नहीं हुई. पूरी केबल ही जल जाए तो उसे बदलने में समय लगता है. मंत्री ने बिजली गुल होने से महिला की मौत की बात से इंकार कर दिया है. 


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