Rajasthan News: राष्ट्रीय मुकुंदरा हिल्स बाघ अभयारण्य (Mukundara Hills Tiger Reserve) में जल्द ही बाघ की दहाड़ सुनाई देगी और जंगल आबाद होगा. लम्बे समय से राजस्थान में कोटा के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व को बाघ की तलाश है. बाघ को कोटा लाने के लिए वन विभाग (Forest department) की ओर से रणथम्भौर में तैयारी पूरी कर ली गई है. गत 17 अक्टूबर को ही मुकुंदरा में बाघ आने की पूरी संभावना थी लेकिन अंतिम समय में स्थानीय विधायक दानिश अबरार के हस्तक्षेप के चलते मामला टल गया था. उसके बाद विधायक दानिश अबरार ने सीसीएफ कार्यालय पर धरना देकर विरोध प्रदर्शन भी किया था जिसमें सीसीएफ के खिलाफ अमर्यादित भाषण देने पर सार्वजनिक रुप से विधायक को माफी भी मांगनी पड़ी थी.
विधायक दानिश अबरार और सीसीएफ व फील्ड डायरेक्टर सेडूराम यादव के बीच काफी नोकझोंक भी हुई थी. इस घटनाक्रम की रिपोर्ट राज्य सरकार के स्तर पर जाने के बाद सरकार ने मुकुंदरा में बाघ भेजने का आदेश फिर से जारी कर दिया. इसके बाद वन विभाग की ओर से दुबारा डॉक्टर्स की तीन सदस्यीय कमेटी और ट्रेंकुलाइज टीम को भी तैनात कर दिया गया है. जैसे ही बाघ आएगा ट्रेंकुलाइज टीम उसे ट्रेंकुलाइज कर आवश्यक चिकित्सीय परीक्षण कर मुकुंदरा के लिए रवाना होगी.
वन विभाग की तैयारियां पूरी
मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में फिर बाघ आने की उम्मीद जगी है. वन विभाग की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं. जैसे ही बाघ ट्रेंकुलाइज होगा, तत्काल ये मुकुंदरा के लिए लाया जाएगा. बता दें कि इस मामले में विधायक संदीप शर्मा ने भी वनमंत्री को पत्र लिखा था और जल्द से जल्द मुकुंदरा में बाघ शिफ्ट करने की मांग की थी. इसी तरह विधायक भरत सिंह ने भी वन विभाग के अधिकारियों से बात कर मुकुंदरा में बाघ शिफ्टिंग में आ रही समस्याओं की जानकारी ली और जल्द बाघ शिफ्ट करने की बात कही थी.
मुकुंदरा में शिफ्ट करने की तैयारी
कोटा के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के लिए रणथंबोर की फलोदी रेंज में चयनित किए गए बाघ टी 110 को जल्द ही मुकुंदरा में शिफ्ट किया जाएगा. इसके लिए तैयारियां भी जोरों पर हैं लेकिन बाघ को ट्रेंकुलाइज नहीं कर पाने की वजह से अभी शिफ्टिंग नहीं हो सकी है. वहीं दिवाली के चलते सर्चिंग भी रुकी हुई थी. अब वन विभाग की टीम दिवाली निकलने के बाद फिर से सर्च अभियान शुरू कर रही है.
विशेषज्ञों के अनुसार बाघ 1 दिन में 28 किलोमीटर तक चल सकता है. ऐसे में हर दिन उसका मूवमेंट अलग-अलग जगह बना रहता है. रणथंबोर टाइगर रिजर्व से शिफ्टिंग के लिए चार बाघों को चिन्हित किया गया था जिसमें से टी 113 को सरिस्का और टी 110 को मुकुंदरा भेजा जाना था. इसके लिए 15 अक्टूबर से शिफ्टिंग ऑपरेशन चलाया गया. इसके कुछ दिन बाद ही टी 113 तालेड़ा रेंज से ट्रेंकुलाइज कर सरिस्का शिफ्ट कर दिया गया. 18 अक्टूबर को टी 110 को ट्रेंकुलाइज कर मुकुंदरा शिफ्ट किया जाना था. इसके लिए ट्रेंकुलाइज टीम में फलोदी रेंज के जोन नंबर 9 में तैयारी भी कर ली गई थी लेकिन किन्हीं कारणों से इसे रोक दिया गया. एक बार फिर से तैयारियां जोरों पर चल रही हैं.