Kota News: मोबाइल की रोशनी में किया गया सैंपल क्रॉस मैच, कोटा के सरकारी ब्लड बैंक में बिजली रही गुल
लापरवाही मरीजों की जान पर भारी पड़ सकती है. ब्लड बैंक में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में क्रॉस मैच लगाने पड़े. लाइट नहीं होने से डोनर भी ब्लड नहीं दे पाया.
राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) एमबीएस और जेके लोन हॉस्पिटल में कई गंभीर घटनाएं होने के बाद भी अस्पताल प्रशासन अबतक सबक नहीं ले रहा है. ऐसा ही गंभीर लापरवाही का मामला अब कोटा संभाग के सबसे बड़े एमबीएस ब्लड बैंक में सामने आया जब रात को 40 मिनट तक बिजली गुल रही और सैंपल क्रॉस मैच करने के लिए मोबाइल की रोशनी में काम किया गया.
जेनरेटर भी खराब
यहां पिछले 2 माह से जेनरेटर खराब है जो अब तक ठीक नहीं किया गया है. यह लापरवाही मरीजों की जान पर भारी पड़ सकती है. ब्लड बैंक में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में क्रॉस मैच लगाने पड़े. लाइट नहीं होने से डोनर भी ब्लड नहीं दे पाया. घटना 2 मई रात 11 बजे की है.
अंधेरे में ब्लड बैंक
बता दें कि अजनावर गांव निवासी महिला भंवरी बाई शादी में शामिल होने कोटा आई हुईं थीं. निकासी के दौरान उनका एक्सीडेंट हो गया और वे घायल हो गयीं. लोगों ने खून अधिक बहने से कोटा एमबीएस में भर्ती करवाया गया. जहां डॉक्टर ने ब्लड चढ़ाने की जरूरत बताई. परिजन अपने दोस्त के साथ रात साढ़े 11 बजे ब्लड बैंक पहुंचा तो ब्लड बैंक अंधेरे में डूबा मिला.
अंधेरे की वजह से ब्लड नहीं दे पाया
परिजन कुलदीप ने बताया कि ब्लड देने पंहुचा तो ब्लड बैंक में अंधेरा छाया हुआ था और बाकी लोग बैठे हुए थे. मैंने काउंटर पर जाकर पर्चा लिया और टॉर्च की रोशनी में ब्लड को क्रॉस मैच करवाया. फिर लाइट आने के बाद डोनर लाने को कहा गया. 2 घंटे में दो बार ब्लड बैंक के चक्कर लगाए लेकिन लाइट नहीं आई. अस्पताल के ब्लड बैंक का जेनरेटर भी बंद पड़ा है. अंधेरे की वजह से डोनर ब्लड नहीं दे पाया. उसने लाइट आने का बहुत देर तक इंतजार किया.
अधीक्षक को पता ही नहीं
ब्लड बैंक में करीब 10 साल पहले जनरेटर लगाया गया था जो पिछले 2 महीनों से खराब होकर बंद पड़ा हुआ है. जब हमने अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर नवीन सक्सेना को ब्लड बैंक में बिजली गुल होने की जानकारी दी तो उन्होंने कहा है कि जेनरेटर शुरू करवा दिया गया होगा जबकि वह तो खराब है. उन्हें जनरेटर खराब होने की जानकारी ही नहीं है. अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि केवल शाम को 20 मिनट के लिए लाइट गई थी. कहीं कोई परेशानी नहीं हुई.
ब्लड बैंक प्रभारी ने क्या कहा
ब्लड बैंक प्रभारी डॉक्टर एचएल मीणा ने बताया कि रात को 40 मिनट तक के लिए बिजली गुल हुई थी. टॉर्च की रोशनी में क्रॉस मैच लगाया जा सकता है. वैसे भी ब्लड बैंक में लगे डी फ्रिज का टेम्परेचर 3 घंटे तक रहता है. जनरेटर खराब होने की बात प्रशासन को दो पत्र लिखकर अवगत करवा चुकी हैं.
महिला की हो चुकी है मौत
बिजली गुल होने का यह पहला मामला नहीं है. 10 दिन पहले भी कोटा न्यू मेडिकल कॉलेज में केबल फॉल्ट होने की वजह से इमरजेंसी वार्ड में 3 घंटे तक बिजली गुल रही थी. एक महिला मरीज को सीपीआर टॉर्च के सहारे देनी पड़ी थी. महिला की मौत पर परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ लापरवाही के आरोप लगाए थे. विवाद हुआ तो मामले की जांच कराने की बात कहकर जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई.