राजस्थान (Rajasthan) की कोटा (Kota) पुलिस ने जिला कलेक्टर बनकर टेंडर दिलाने का झांसा देकर लोगों को ठगने के आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी व्यापारी से ठगी के मामले में 4 साल से फरार चल रहा था. उसपर कोटा पुलिस ने 2 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. आरोपी ओमप्रकाश शर्मा के खिलाफ ठगी के 3 मामले दर्ज हैं. वह शाहबाद जिला बारां का निवासी है. गिरफ्तारी के बाद कोटा पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. पूछताछ में कई अन्य मामलों के भी खुलासे हो सकते हैं. 


शिकायत में क्या कहा गया था
कोटा नयापुरा थानाधिकारी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 16 मई 2019 को बूंदी निवासी अशोक कुमावत ने थाने में मामला दर्ज करवाते हुए बताया था कि आरोपी ओमप्रकाश शर्मा ने खुद को जिला कलेक्टर बताकर मुझसे मिला और मुझे कॉल किया. जहां उसने मुझसे पम्पसेट, वाटर कूलर और आरओ का कोटेशन लिया. टेंडर दिलाने का नाम लेकर 1 प्रतिशत रकम ली. उसके साथ संजय मेहरा नाम के व्यक्ति से बात करवाई. 


थानाधिकारी ने आगे बताया कि अशोक कुमार ने बताया था कि, इसके बाद उसने मेरे ऊपर कलेक्टर का दबाव बनाकर ओमप्रकाश ने धोखाधड़ी कर 54 हजार रुपये ले लिए. अगले दिन ठगी का शिकार होने पर थाने में शिकायत दी जिसपर पुलिस ने उसी समय एक आरोपी संजय मेहरा को गिरफ्तार किया था जबकि मुख्य आरोपी ओमप्रकाश तब से फरार चल रहा था जिसे कोटा हाइवे से गिरफ्तार किया गया है. 


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थानाधिकारी ने क्या बताया
थानाधिकारी भूपेश सिंह ने बताया कि आरोपी ओम प्रकाश शर्मा पढ़ा लिखा है और चालाक होने से लोगों को अपनी चिकनी चुपड़ी बातों में उलझाता था. आरोपी के पास कोई काम धंधा भी नहीं है ऐसे में खुद को जिला कलेक्टर बताकर लोगों से रुपए ठगने का काम करता है. आरोपी ओमप्रकाश ने बूंदी जिले के निवासी को जलदाय विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर कलेक्टर बनकर कॉल किया और 1% की राशि ठगी के रूप में ली. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी इलाके बदलता रहा. कभी जयपुर, कोटा, बूंदी तो कभी झालावाड़ पुलिस लगातार आरोपी की तलाश कर रही थी. 


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