राजस्थान (Rajasthan) का कोटा (Kota) शहर को शिक्षा नगरी के साथ अब पर्यटन हब बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. कोटा प्रशासन ने मुकुंदरा टाइगर रिजर्व (Mukundra Tiger Reserve) को पर्यटन उद्योग के रूप में विकसित करने की प्लानिंग कर ली है. इससे कोटा में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. यही नहीं इन पर्यटन क्षेत्रों पर इको पर्यटन की दृष्टि से नौकायान संचालन केंद्र स्थापित किए जाएंगे. प्रशासन मुकुंदरा टाइगर हिल्स को इको टूरिज्म के रूप में विकसित करेगा. 


क्या है तैयारी
बाघों की मॉनिटरिंग करने लिए रोडमैप तैयार किया जायेगा. फसलों को वन्यजीवों से बचाने के लिए उन्हें पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा. वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए स्थाई होमगार्ड भी नियुक्त किए जाएंगे जिससे वन क्षेत्र में अतिक्रमण, शिकार, अवैध खनन, कटान की संभावना पर अंकुश लगाया जा सकेगा. वर्तमान में कोटा मुकुंदरा टाइगर हिल्स के बफर क्षेत्र में स्थित चार पर्यटन रूट रथकंकरा पर्यटन रूट खोलने के लिए लगातार कार्य प्रगति पर है.


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संभागीय आयुक्त ने की बैठक
कोटा में पर्यटन को और बढ़ावा मिले इसको लेकर संभागीय आयुक्त दीपक नंदी की अध्यक्षता में मुकुंदरा टाइगर हिल्स रिजर्व की लोकल एडवाइजरी कमेटी की बैठक सीआईडी सभागार में आयोजित हुई. जिसमें संभागीय आयुक्त दीपक नंदी ने कहा कि मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को पर्यटन उद्योग के रूप में विकसित किया जाए जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे इसके लिए रोडमैप तैयार करें. 


सुविधा विस्तार की तैयारी शुरू
संभागीय आयुक्त दीपक ने कहा कि पूरे देश में कोटा को शिक्षा नगरी के नाम से जाना जाता है. साथ ही यहां के ऐतिहासिक स्थलों की बात कुछ और ही है जिसे देश प्रदेश के लोग देखने के लिए आते हैं. वहां सुविधा का विस्तार और हो इसको लेकर हमने तैयारी शुरू कर दी है. ताकि पर्यटक आएं तो उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी न उठानी पड़े. 


विधायक ने क्या कहा
बैठक में सांगोद विधायक भरत सिंह ने कहा कि जंगल में अंडरग्राउंड पाइप लाइन बिछाई जाए ताकि आग लगने की स्थिति में समय पर नियंत्रण किया जा सके. आबादी में रेस्क्यू किये गए जीवों को मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में लाया जाए. इको पर्यटन की योजनाओं को धरातल पर उतारा जाए. यह सिर्फ कागजी कार्रवाई में नहीं हो. बैठक में वन्य जीव प्रतिपालक सहित वन विभाग से जुड़े कई अधिकारियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे जिन्होंने पर्यटन को लेकर कई प्रकार के सुझाव दिए.


राज्य का तीसरा टाइगर रिजर्व है 
कोटा जिले में स्थित मुकुंदरा टाइगर रिजर्व प्रदेश का तीसरा टाइगर रिजर्व है. पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार में यह टाइगर रिजर्व बनाया गया था और यहां टाइगर शिफ्ट किए गए थे. यह 759 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. वही इसका कोर एरिया 417.17 वर्ग किलोमीटर का है. टाइगर रिजर्व का बफर जोन 342.82 वर्ग किलोमीटर का है. मुकुंदरा टाइगर रिजर्व का नोटिफिकेशन 10 अप्रैल 2013 को जारी हुआ था. 3 अप्रैल 2018 को बूंदी जिले की रामगढ़ सेंचुरी से टी 91 बाघ शिफ्ट किया गया था. तब से यह बाघ मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में निवास कर रहा है. 


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