Rajasthan New: कोटा की राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी (आरटीयू) के एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार (Associate Professor Girish Parmar) के कारनामों की लिस्ट लम्बी होती जा रही है. एक के बाद एक पीड़िता अब सामने आती जा रही हैं. सोमवार देर रात को भी एक महिला लेक्चरर ने दादाबाडी थाने (Kota Police) में गिरीश परमार के खिलाफ मामला दर्ज कराया है, जिसमें उसने उस पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने के साथ उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की, जिसके बाद हिम्मत कर महिला ने शिकायत दी है.


महिला लेक्चरर ने एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार पर रास्ता रोकना, छेड़छाड़ करना, जबरन हाथ पकड़ना, गंदी और अभद्र बातें करना, गाली गलौज और प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं. पुलिस ने महिला लेक्चरर की शिकायत पर कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. रिपोर्ट में बताया है कि एसोसिएट प्रोफेसर कहता है कि मुझे लड़की चाहिए, बिकिनी की तो मैं दुकान लगा सकता हूं.


इनपर भी लगा साथ देने का आरोप


आरोपी एसोसिएट प्रोफेसर के साथ ही पूर्व डीन फैकल्टी अफेयर्स प्रो. राजीव गुप्ता, प्रोफेसर राजेश सिंघल और एक महिला कर्मी पर भी परमार का साथ देने का आरोप लगाया गया है. पुलिस उप अधीक्षक प्रथम अमर सिंह राठौड़ ने बताया कि स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम इस मामले की जांच भी करेगी और जो भी बातें सामने आ रही हैं, सभी एंगल पर काम किया जा रहा है. महिला लेक्चरर ने आरोप लगाया कि आरटीयू प्रबंधन को भी इस संबंध में शिकायत की, लेकिन किसी ने भी कोई सुनवाई नहीं की. 


'बेटी को सुलाकर आ जाओ...'


दर्ज मुकदमे में बताया गया कि महिला लेक्चरर को गिरीश परमार घर के बाहर 1 अक्टूबर 2012 को मिला था. परमार ने गंदी और अभद्र भाषा में कहा कि मुझे तो लड़की चाहिए, बिकिनी की दुकान तो मैं खोलकर पटक दूंगा. महिला लेक्चरर के मुताबिक वो घबराकर वहां से जाने लगी, तब नशे में धुत परमार ने उसका हाथ पकड़ लिया, हाथ छुड़ाकर घर भागी, तब परमार क्वार्टर के बाहर खड़ा हो गया. महिला लेक्चरर ने अपनी बेटी के रोने का हवाला दिया, तब उससे कहा कि बेटी को सुलाकर आ जाओ. हम एंजॉय करेंगे, हनीमून मनाएंगे.


लेक्चरर के पति से मारपीट


नशे में धुत परमार ने कहा कि तुम क्वार्टर छोड़ दो हम अपार्टमेंट में रहेंगे, किराया भी मैं दे दूंगा. यह घटनाक्रम अपने पति को बताया तो दूसरे दिन पति अपने एक मित्र और महिला के देवर परमार से मिलने गए. इस दौरान नशे में धुत परमार के साथ गाली गलौज हुई. तब परमार ने ये बेहद शर्मनाक बात कही. उसने कहा कि वो 500 रुपए में महिला लेक्चरर को उठा लेगा. उसके बाद लेक्चरर के पति से भी मारपीट कर दी थी. प्रोफेसर राजीव गुप्ता, गिरीश परमार और महिला कार्मिक की वजह से 10 साल डिप्रेशन में निकले हैं और इनकी वजह से ही एमटेक पूरा होने में भी 14 साल लग गए.


नौकरी का डर दिखा नहीं करने दिया केस


महिला लेक्चरर ने दर्ज कराई एफआईआर में ये बताया कि, मैंने प्रबंधन से इस संबंध में शिकायत की, लेकिन सभी ने परमार का साथ दिया. मैंने वर्ष 2014, 15, 16 में एमटेक बैक का पेपर दिया था, जिसमें एक पेपर में मुझे बिना कारण के ही अनुपस्थित कर दिया गया. छेड़छाड़ के मामले को लेकर अक्टूबर 2012 में दादाबाड़ी थाने आई, तब पहले से ही प्रोफेसर राजीव गुप्ता व राजेश सिंघल मौजूद थे. दोनों ने मेरे परिवार वालों को सरकारी नौकरी का डर दिखाते हुए केस दर्ज नहीं कराने दिया. इसके बाद भी प्रो. गुप्ता ने कई बार मुझे धमकियां दी है. महिला लेक्चरर का यह भी कहना है कि 2013-14 में मेरा क्वार्टर बदला गया, यह प्रो. राजीव गुप्ता के नजदीक था. इसकी शिकायत फैकल्टी ऐसोसिएशन को भी की, लेकिन किसी ने साथ नहीं दिया.


बहाना बनाकर घुस आता था अंदर


गिरीश परमार महिला लेक्चरर को आरटीयू के अलॉट किए क्वार्टर के नीचे रहता था. वह कभी भी टंकी का पानी खाली कर देता था, नल खुला छोड़ देता था. साल 2011 में परमार एक कर्मचारी के साथ मेरे क्वार्टर में घुस आया, तब मेरी मां थी तो वह अपनी छत टपकने का बहाना बनाने लगा. कभी वह तेज दरवाजे बजाता था, कभी पढ़ाई करती थी तो तेज आवाज में गाने बजाता था.


महिला लेक्चरर ने एफआईआर में बताया है कि परमार दावा करता था कि इलेक्ट्रॉनिक्स की कई बुक हैं. प्रोफेसर गुप्ता और मैंने कई स्टूडेंट्स की हेल्प की है, यदि तुम्हें एमटेक के पेपर लिखने में मदद चाहिए तो बताना. यहां तक कि परमार ने सीढ़ियों पर कैमरा तक भी लगा दिया था. वह बार-बार अश्लीलता करने का प्रयास करता था, कई बार शिकायत की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी. इस मामले में पुलिस फिर से विशेष रूप से जांच कर रही है. 


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