Kota Rape Case: राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) में नाबालिग से रेप और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (2012) के 3 साल पुराने मामले में पॉक्सो कोर्ट क्रम 3 ने पिता-पुत्र को 20-20 साल की सजा सुनाई है. विशेष न्यायाधीश दीपक दुबे ने आरोपी पुत्र पर 30 हजार और पिता पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है. आरोपी रिश्ते में पीड़िता का ममेरा भाई लगता है. साथ ही पीड़िता का विविध विरूद्ध मेडिकल करने वाले डॉ. मोहम्मद परवेज खान पर विधिसंगत कार्रवाई के लिए निदेशक चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग जयपुर को निर्णय की प्रति भेजने के निर्देश दिए हैं.
विशिष्ट लोक अभियोजक ललित कुमार शर्मा ने बताया कि पीड़िता के पिता ने 3 फरवरी 2019 को बूढ़ादीत थाने में शिकायत दी थी, जिसमें बताया कि 13 जनवरी को उसकी छोटी बेटी घर पर अकेली थी. उसकी पत्नी चक्की पर आटा लेने गई थी. आरोपी युवक उसे बहला-फुसलाकर भगा कर ले गया, जो काफी तलाशी के बाद भी नहीं मिली. ललित कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपी युवक पीड़िता को बड़ी सादड़ी, जिला चित्तौड़गढ़ स्थित अपने मकान में ले गया, फिर अलग-अलग जगहों पर ले जाकर रेप किया.
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13 गवाहों के कराए गए बयान
इस दौरान आरोपी के पिता ने कोई आपत्ति नहीं जताई, बल्कि पैसे देकर और संरक्षण देकर अपने बेटे का सपोर्ट किया. आरोपी ने साढ़े तीन महीने तक पीड़िता को साथ रखा. पुलिस ने पीड़िता को दस्तयाब कर आरोपियों को गिरफ्तार किया था. कोर्ट में चालान पेश किया और 13 गवाहों के बयान कराए गए. कोर्ट ने रेप के आरोपी में बेटे को सजा सुनाई, जबकि बेटे को संरक्षण देने के आरोप में पिता को सजा से दंडित किया.
कोर्ट इस काम को अत्यंत आपत्तिजनक माना
पीड़िता का रेप संबंधी मेडिकल मुआयना केवल महिला चिकित्सा की ओर से ही किया जा सकता है. कोर्ट ने डॉ. मोहम्मद परवेज खान के ओर से एक आज्ञापक प्रावधान के विपरीत डॉ. किरण गोचर के साथ मिलकर पीड़िता का मेडिकल मुआयना किया जाना पूर्णत विधि विरुद्ध होकर अत्यंत आपत्तिजनक माना. इस पर कोर्ट ने डॉ. मोहम्मद परवेज खान पर कठोर विधि संगत कार्रवाई करने के लिए निदेशक चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग जयपुर को निर्णय की प्रति भेज कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
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