Rajasthan Right To Health Bill: आरटीएच (RTH Bill) बिल का तीखा विरोध हो रहा है. सोमवार को राजस्थान (Rajasthan) में डॉक्टरों ने अपने अस्पतालों में काम करना बंद कर दिया है. इसके साथ ही अस्पतालों में नोटिस बोर्ड चस्पा कर दिए हैं. ओपीडी और आईपीडी दोनो में ही सेवाओं को बंद कर दिया गया है. इस कारण सरकारी अस्पतालों पर मरीजों का भार बढ गया है.
बंद कर दिए गए दो दर्जन से अधिक बड़े अस्पताल
कोटा में दो दर्जन से अधिक बडे़ अस्पतालों में पूर्ण रूप से काम बंद कर दिया गया है. नर्सिंग होम और क्लिनिक भी बंद होते चले जा रहे हैं. कोटा शहर की चिकित्सा सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं. मरीजों की लाइनें सरकारी अस्पतालों में बढनी शुरू हो गई हैं. सबसे गंभीर बात है कि सरकारी अस्पतालों के रेजीडेंट चिकित्सक भी हड़ताल में शामिल हो गए हैं. इस कारण वहां भी अब व्यवस्थाएं चौपट हो गई हैं.
एक ही दिन में टाल दिए गए 70 ऑपरेशन
राइट टू हेल्थ बिल व जयपुर में निजी चिकित्सकों पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में कोटा मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर उतर गए हैं. ऐसे में यहां ओपीडी में हालत खराब हो गई है. सीनियर डॉक्टर मौर्चा संभाल रहे हैं. लेकिन, चिकित्सकों की कमी साफ देखी जा रही है. लोग मरीजों को इधर से उधर लेकर घूम रहे हैं. लेकिन, उन्हें इलाज करने वाला कोई नहीं मिल रहा है. कोटा में एक ही दिन में एमबीएस चिकित्सालय में चिकित्सकों के अभाव में 70 ऑपरेशन को आगे बढा दिया गया. ऐसे में अगर हर दिन इतने ही ऑपरेशन पेंडिंग होते चले गए तो मरीजों का बुरा हाल हो जाएगा.
कोटा में 450 रेजीडेंट डॉक्टर्स हड़ताल में शमिल
जयपुर में लाठीचार्ज के विरोध में कोटा मेडिकल कॉलेज के सभी 450 रेजीडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए हैं. ओपीडी हो या इनडोर, कहीं भी सेवाएं नहीं दे रहे हैं. चिकित्सक अब घरों पर भी उपचार नहीं कर रहे हैं. कोटा में सरकारी अस्पतालों में भी मरीजों की परेशानी बढ़ती चली जा रही है. डॉक्टर कक्ष से लेकर पर्ची, दवा काउंटर व जांच काउंटर पर मरीजों की लगी लंबी कतारें लग चुकी हैं.
बिल के समर्थन में आगे आए कांग्रेसी
इधर, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर संकेत दिए हैं कि यदि चिकित्सक नहीं माने तो इसे जनांदोलन का रूप दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को गरीबों का उपचार करना चाहिए. सरकार जो बिल लेकर आई है, वह पूरी तरह से जन हितैषी है. इस बिल में हर व्यक्ति को निशुल्क उपचार के साथ कई सुविधाएं दी गई हैं. लम्बे समय से चल रही डॉक्टर्स की मनमानी पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा.
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